महराजगंज : तराई के इस जिले के परिषदीय विद्यालयों में पांच माह बाद भी पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई। विद्यार्थी प्रतिदिन स्कूल जा रहे हैं, शिक्षक भी जा रहे हैं पर पुस्तकों के अभाव में पठन-पाठन नहीं हो रहा है। सत्र प्रारंभ होने के पांच माह बाद भी नौनिहालों के हाथों में किताबें नहीं पहुंची हैं। इससे साफ होता जा रहा है कि अधिकारी प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को लेकर कितने संवेदनशील हैं। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में सत्र शुरू हुये लगभग पांच माह होने को आये हैं, यानी आधा समय बीत चुका है लेकिन हैरानी बाली बात यह है कि बच्चों को पुस्तकें अभी तक नहीं उपलब्ध कराई गई हैं। अध्यापकों के समय से स्कूल पहुंचने, समय से स्कूल खोलने और समय से ही स्कूल बंद करने जैसे फरमानों से भी ऊपर मिड डे मील बनाने और मीनू के मुताबिक बच्चों को खिलाने जैसी नाना प्रकार की नसीहतें देते लोग नहीं थकते हैं लेकिन अभी तक किसी ने यह भी सुध नहीं ली है कि बिना किताबों के बच्चे पढेंगे क्या और लिखेंगे क्या। स्कूलों में तैनात अध्यापक भी इस बात को मान रहे हैं कि बिना किताबों के पढाई व्यवस्था में व्यवधान आ रहा है लेकिन वह कर भी क्या सकते हैं, यह नीतिगत फैसला है और इस पर शासन-प्रशासन को संज्ञान लेने की जरूरत है।
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