जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय ने शुक्रवार को धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए 18 समायोजित शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि शैक्षिक कार्य दिवस होने पर विद्यालय में कोई अवकाश न होने के बावजूद भी विद्यालय अवधि में बिना कोई अनुमति के तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए बीएसए दफ्तर में समायोजित शिक्षक एकत्र हुए। कार्यालय में धरना-प्रदर्शन कर नारेबाजी की गई। जिसके कारण उनसे संबंधित विद्यालयों में शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ है। यह कृत्य उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के विरुद्ध है। समायोजित शिक्षकों के इस कृत्य से विभाग की छवि धूमिल हुई है। बीएसए ने आदेश जारी करते हुए कहा कि इस कारण तत्काल प्रभाव से संबंधित शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाते हुए निर्देशित किया जाता है कि वह एक सप्ताह के अंदर अपना स्पष्टीकरण शपथ-पत्र के साथ अवगत कराएं कि इस कृत्य के लिए क्यों न उनकी सेवा समाप्त कर दी जाए। स्पष्टीकरण प्राप्त न होने की दशा में यह समझा जाएगा कि उनको इस पक्ष में कुछ नहीं कहना है और तद्नुसार एकपक्षीय कार्रवाई कर दी जाएगी। अंदरखाने में चर्चा रही कि शुक्रवार की रात समायोजित शिक्षकों ने एक मंत्री को मध्यस्थता के लिए डाला था। जिस पर बीएसए ने कहा कि समायोजित शिक्षक अपनी अशिष्टता के लिए माफी मांग लें तो निलंबन वापस हो जाएगा, लेकिन शिक्षक तैयार नहीं हुए।
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