बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गांधी जयंती के साथ-साथ दादा-दादी नाना-नानी दिवस मनाया जाना था। कुछ स्कूलों में तो दादा-दादी नाना-नानी दिवस मनाया गया जबकि कुछ स्कूलों में न तो गांधी जयंती मनाई गई और न ही दादा-दादी और नाना-नानी दिवस मनाया गया। बीएसए ने ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एक अक्टूबर को दादा-दादी और नाना-नानी दिवस मनाए जाने का आदेश दिया था, लेकिन शिक्षक संगठनों ने एक अक्टूबर को मनाने का विरोध किया और गांधी जयंती के साथ दादा-दादी और नाना-नानी दिवस मनाने के लिए आग्रह किया गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने गांधी जयंती के साथ दो अक्टूबर को ही दादा-दादी और नाना-नानी दिवस मनाने के आदेश दिए। कुछ स्कूलों में तो गांधी जयंती के साथ दादा-दादी और नाना-नानी दिवस मनाया गया। इसमें परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं के दादा-दादी और नाना-नानी को बुलाना था। कुछ स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर स्कूलों में दादा-दादी और नाना-नानी दिवस मनाया ही नहीं गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने ब्लाकों के स्कूलों का निरीक्षण कर व्यवस्था देखने के आदेश दिए गए। बेसिक शिक्षा अधिकारी वेदराम ने बताया कि कुछ स्कूल बंद रहे तो कुछ स्कूलों में दादा-दादी और नाना-नानी दिवस मनाया ही नहीं गया है। उन्होंने बताया कि स्कूलों का चयन करके उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जा रही है।
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