जिले में प्रत्येक ब्लाक में पांच एबीआरसी नियुक्त किए गए हैं। शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते पिछले तीन वर्षो से सिर्फ 50 एबीआरसी काम कर रहे हैं, जबकि शासनादेश के हिसाब से 80 होने चाहिए। ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए दिए जाने वाला प्रशिक्षण प्रभावित हो रहा है। विभाग हर बार कहता है कि जल्द नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का आयोजन होगा, लेकिन कब होगा इसका कोई जवाब नहीं है।
शिक्षकों ने सितंबर व अक्टूबर 2011 में दबाव बनाने के बाद विभाग की ओर से विज्ञापन निकाल रिक्त पड़े एबीआरसी पदों की नियुक्ति होनी थी, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते अभी तक एबीआरसी का मामला अधर में लटकता नजर आ रहा है। हाल में प्रक्रिया शुरू कराई गई और लोगों ने आवेदन भी किए, लेकिन अभी तक भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है। जनपद के प्रत्येक ब्लाकों में एबीआरसी की कमी हैं। फिर भी शिक्षा विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। पूरे जिले में अगर देखा जाए तो 30 एबीआरसी की कमी वर्तमान समय में है। ऐसे में एबीआरसी की कमी होने के कारण शिक्षामित्रों को प्रत्येक गुरुवार को दिए जाने वाला प्रशिक्षण मंद गति से चलता नजर आ रहा है। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षामित्रों को समाजिक विषय, गणित, अंग्रेजी, हंिदूी व विज्ञान दिया जाता था। लेकिन एबीआरसी कमी के चलते प्रशिक्षण कार्य ठप पड़ा हुआ है।
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