मानदेय न मिलने से खाली हाथ गुजर गए दशहरा, दुर्गापूजा व मोहर्रम जैसे पर्व के बाद दीपावली मनाने को लेकर चिंतित शिक्षा प्रेरकों की दीवाली फीकी नहीं रहेगी। उनके मानदेय भुगतान के लिए धनराशि आवंटित कर दी गई है। महकमा प्रेरकों के खाते में मानदेय धनराशि भेजने की कवायद भी शुरू कर चुका है। ऐसे में उन्हें त्योहार पूर्व मानदेय मिल जाने से राहत मिलेगी।
किसी कारणवश शिक्षा से वंचित रह गए 15 वर्ष से उपर के लोगों को अक्षर ज्ञान कराकर देश की साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए संचालित भारत साक्षर मिशन के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में दो-दो शिक्षा प्रेरकों की तैनाती की गई है। प्रेरकों के मानदेय का नियमित भुगतान न होने से उन्हें आर्थिक दिक्कत ङोलनी पड़ रही है। स्थिति यह है कि पिछले 18 माह से मानदेय का भुगतान न होने से उनके समक्ष विकट आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। यहां तक की आर्थिक संकट के चलते वे दशहरा, दुर्गापूजा व मोहर्रम जैसे पर्व तक नहीं मना सकें। बहरहाल दीपावली को लेकर चिंतित प्रेरकों को राहत मिलने की उम्मीद दिखने लगी है। उनके मानदेय भुगतान के लिए शासन नें 40 लाख 25 हजार तीन सौ 12 रुपये का बजट अवमुक्त कर दिया है।
मिशन के जिला समन्वयक नीरज उपाध्याय ने बताया कि जो धनराशि मिली है उसमें ज्ञानपुर व सुरियावां ब्लाक के शिक्षकों को तीन-तीन डीघ, अभोली, औराई व भदोही ब्लाक के प्रेरकों को दो-दो माह के मानदेय का भुगतान किया जाएगा। बताया कि मानदेय की धनराशि उनके खाते में भेजने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
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