बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक की नौकरी पाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को तीन माह बाद भी सभी को पगार नहीं मिल पाई है। 250 की संख्या में नव नियुक्ति शिक्षक-शिक्षिकाओं में महज 164 के सत्यापन का काम पूरा हो पाया है। धनतेरस-दीपावली जैसे त्योहार कड़की में गुजरना तय माना जा रहा है। तीन माह से बेसिक शिक्षा के प्राथमिक स्कूलों में सेवाएं दे रहे शिक्षक-शिक्षिकाएं पगार पाने की कतार में खड़े हैं। शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद पगार दिए जाने की बाध्यता ने इनको परेशान कर रखा है। शासन के निर्देश पर जब जिले में 13000 शिक्षकों की भर्ती हुई थी तो जिले के कोटे में 250 सीटें आईं थी। विभाग ने प्रक्रिया को अपनाते हुए इन्हें स्कूलों में तैनाती दे दी। तीन माह से स्कूलों की दूरी नापकर दायित्व निर्वाहन करने में जेब खर्च अब जवाब देने लगा है। यह विभाग की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। विभाग ने इनके द्वारा जमा किए गए शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए संबंधित बोर्ड और विश्व विद्यालय को कॉपी भेज दी है। उचित पैरवी के अभाव में सत्यापन का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। कुछ जागरूक लाभार्थी बोर्ड और विश्व विद्यालय पहुंचकर सत्यापन के काम को पूरा कराकर भेज रहे हैं। बीएसए विनय कुमार सिंह ने बताया कि बिना शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन के तनख्वाह नहीं दी जा सकती है। इसलिए देरी हो रही है। जैसे ही सत्यापन का काम पूरा होगा पगार के आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
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