कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के कचरे को विद्यालय में ही निस्तारित किया जाएगा। इसके लिए हर बॉ विद्यालय में इंसीनेटर (कचरा दहन भट्ठी) बनाया जाएगा। जिसमें विद्यालय के कचरे का निस्तारण होगा। विद्यालय को चलाने के लिए दी जाने वाले धनराशि में से ही इसपर व्यय किया जाएगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से विद्यालयों के लेखाकार व वार्डनों को निर्देश दिया गया है। जल्द ही निर्माण शुरू कराया जाएगा।
बालिकाओं की शिक्षा के लिए जिले में 18 बॉ विद्यालय खोले गए हैं। जहां छात्रओं को पढ़ने के साथ-साथ आवासीय सुविधा दी जाती है। दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली हर चीज उन्हें मुहैया कराई जाती है। छात्रओं की सौ संख्या वाले विद्यालयों में खाद्यान्न, पेपर आदि की चीजें विद्यालय के किसी कोने रख दी जाती थीं, जिससे एकत्रित कूड़ा वहीं सड़ जाता था। छात्रओं को स्वास्थ्य व स्वच्छता की समस्या से दूर रखने के लिए परियोजना ने हर विद्यालय में इंसीनेटर लगाने के लिए मेडीकल केयर व कंटीजेंसी मद से 3500 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये खर्च करने का निर्देश दिया है। इसके निर्माण के लिए निर्माण के जिला समन्वयक रुमान हाशमी का सहयोग लेकर एक सप्ताह में कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया गया है।
निर्माण कार्य पूरा होने के बाद फोटो सहित आख्या बीएसए के समक्ष प्रस्तुत होगी। बीएसए प्रेमचंद यादव ने बताया कि इंसीनेटर बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। जिसमें कोताही बरतने वालों पर कार्रवाई होगी।
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