लखनऊ : शिक्षिकाओं से यौन उत्पीड़न के आरोपी इलाहाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) राजकुमार यादव को हटा दिया गया है। बुधवार को इस आशय के आदेश जारी कर दिये गए। इलाहाबाद में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) के रूप में तैनाती के दौरान यादव पर शिक्षिकाओं के यौन उत्पीड़न व सार्वजनिक रूप से अभद्र भाषा के इस्तेमाल के आरोप लगे थे। मामले की जांच इलाहाबाद के संयुक्त विकास आयुक्त व संयुक्त शिक्षा निदेशक को सौंपी गयी।
लंबे समय से पूरा प्रकरण जांच में ही उलझा रहा और यादव बीएसए से डीआइओएस भी बन गए। इसे यादव की हनक ही कहेंगे कि डीआइओएस के रूप में भी तैनाती इलाहाबाद में ही हो गयी। इस दौरान प्रकरण की जांच पहले मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) को सौंपी गयी। उनकी जांच आख्या पर अग्रेतर जांच बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को सौंप दी गयी।
लंबी जांच प्रक्रिया के बाद भी राजकुमार यादव के खिलाफ कार्रवाई न होने और शासन-सत्ता में मजबूत पकड़ के बदौलत बीएसए के बाद इलाहाबाद में ही डीआइओएस बन जाने के पूरे प्रकरण के साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गयी। उच्च न्यायालय के सख्त रुख के बाद शासन सक्रिय हुआ और राजकुमार यादव को डीआइओएस के पद से हटाकर राजधानी लखनऊ में शिक्षा निदेशक, माध्यमिक के शिविर कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। उन्हें तत्काल पद से कार्यमुक्त करने के निर्देश भी दिये गए हैं।
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