स्कूलों की स्थिति खराब
लखनऊ (डीएनएन)। माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान विषय की प्रयोगात्मक
स्थिति को सुधारने और इसकी गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से विज्ञान विषय
की मान्यता वाले सभी राजकीय, सहायता प्राप्प्त एवं वित्त विहीन विद्यालयों
में विज्ञान क्लब की स्थापना की जाएगी। विज्ञान क्लब का प्रभारी विद्यालय
के वरिष्ठ विज्ञान शिक्षक को बनाया जाएगा। साथ ही इस विषय के सभी
छात्र-छात्राओं को विज्ञान क्लब का सदस्य भी बनाया जाएगा। इस संबंध में
संयुक्त शिक्षा निदेशक दीप चंद ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश
जारी कर दिए हैं।दरअसल, लखनऊ मंडल के माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान विषय
की प्रयोगात्मक क्रियाशीलता बहुत कम है। विज्ञान शिक्षा को गुणवत्तापुरक
बनाने तथा छात्र-छात्राओं में विज्ञान विषय के किताबी ज्ञान को प्रैक्टिकल
के रूप में अभ्यास करने तथा अभिनव प्रयोग के लिए विज्ञान क्लब की स्थापना
का निर्णय लिया गया है। जेडी दीप चंद्र ने बताया कि इस क्लब की स्थापना
जनपद के इंटरमीडिएट स्तर पर विज्ञान विषय की मान्यता वाले राजकीय, सहातया
प्राप्प्त एवं वित्तविहीन विद्यालयों में की जाएगी।तय होगी समय सारिणी:
विद्यालय की समय सारिणी में निर्धारित वादनों के अलावा प्रत्येक शिक्षण
दिवस या सप्ताह में तीन दिन में एक अतिरिक्त वादन विज्ञान क्लब के लिए
निर्धारित किया जाएगा। इसमें विज्ञान शिक्षक क्लब के छात्र-छात्राओं द्वारा
की गई गतिविधियों के लिए एक पंजिका विद्यालय स्तर पर रखेंगे और प्रत्येक
वादन की गतिविधियों का अंकन करेंगे। विज्ञान क्लब स्थापित प्रत्येक
विद्यालय में ई-मेल आईडी बनवाए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। जेडी ने
बताया कि विज्ञान क्लब की स्थापना, अतिरिक्त वादन में छात्र-छात्राओं
द्वारा की जाने वाली प्रयोगात्मक गतिविधियों से उनमें विज्ञान विषय में
अभिनव प्रयोग की रुचि उत्पन्न होगी। साथ ही विज्ञान प्रदर्शनी में प्रतिभाग
भी सुनिश्चित हो सकेगा।डीआईओएस को बतना होगा गतिविधियों का ब्यौरा:
विज्ञान क्लब गठित प्रत्येक विद्यालय अपनी गतिविधियों की पाक्षिक ब्यौरा
डीआईओएस को प्रस्तुत करेंगे। वहीं डीआईओएस स्तर पर मिलने वाली सूचना को
मासिक रूप से प्रत्येक पांच तरीख तक मंडलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी तथा
जेडी को भेजेंगे।
एक ओर विज्ञान विषय को
बढ़ावा देने के लिए विज्ञान क्लब की स्थापना के आदेश दिए गए हैं, लेकिन
राजधानी के सहायता प्राप्त विद्यालयों में विज्ञान लैब की स्थिति बहुत खराब
है। लखनऊ इंटरमीडिएट कॉलेज हो या फिर अग्रसेन इंटर कॉलेज, यहां विज्ञान
लैब वर्षों से नहीं खुली हैं। लिहाजा प्रयोगात्मक परीक्षाओं में खानापूर्ति
चल रही है।
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