मंशा तो अच्छी थी पर लापरवाही की भेंट चढ़ गई। जन शिकायतों के मामले में वैसे तो सभी विभागों का एक सा ही हाल है और निस्तारण की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। बेसिक शिक्षा विभाग में तो दशा खराब है और खंड शिक्षा अधिकारी तीन तीन महीनों से शिकायतों को जेब में डाले घूम रहे हैं। बीएसए ने नाराजगी जताते हुए सभी बीइओ को निस्तारण का आदेश दिया है और ऐसा न होने की स्थिति में अधिकारियों को लिखे जाने की चेतावनी दी है।
शासन से सख्त फरमान है कि अधिकारी कार्यालयों में बैठकर शिकायतों को निस्तारण करें साथ ही अन्य जन शिकायतों पर निर्धारित अवधि में कार्रवाई की जाए। शिकायतों में विभागीय अधिकारियों के साथ ही जनसुनवाई संदर्भ, डीएम संदर्भ, मुख्यमंत्री संदर्भ प्रमुख हैं। मुख्यमंत्री संदर्भ का तो निस्तारण हो जाता लेकिन डीएम संदर्भ की शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग में 83 शिकायतें लंबित पड़ी हैं जिसमें सबसे ज्यादा शिकायते संडीला की 17 हैं। भरखनी की 12, बिलग्राम की 10 और टड़ियावां की नौ शिकायतें हैं। अन्य विकास खंडों की शिकायतें भी लंबित हैं। जिस पर डीएम ने नाराजगी जताई है और उसी पर बीएसए मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने सभी बीइओ को दीपावली अवकाश के पूर्व ही पत्र जारी कर निस्तारण की बात कही। बीएसए ने बताया अवकाश के बाद समीक्षा होगी और जहां जहां की शिकायतें लंबित होंगी उस बीइओ के विरुद्ध कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।
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