अब परिषदीय विद्यालयों का लेखा-जोखा अब सार्वजनिक होगा। वजह, विद्यालय प्रबंध कमेटी के उपाध्यक्ष व अभिभावक और गांव के शिक्षित तथा सेवानिवृत्त अधिकारी विद्यालय में आडिट करेंगे। यह आडिट तीन दिसम्बर से 20 दिसंबर तक होगा। यहीं नहीं आडिट रिपोर्ट के आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अग्रिम कार्रवाई करेंगे। यदि आडिट में किसी विद्यालय में भ्रष्टाचार मिला, तो कालेज के मुख्याध्यापक पर गाज गिरेगी। इसके लिए प्रत्येक गांव में शिक्षित ग्रामीण, शिक्षित अभिभावक और सेवानिवृत्त अधिकारी की टीम बनाने में जुटा है।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग दिसम्बर में ग्रामीण आडिट योजना आरंभ करने जा रहा है। अब साल में दो बार विद्यालय स्तर पर ग्रामीण, अभिभावक आडिट किया जाएगा। गांव स्तर पर कई सदस्यों की एक टीम बनाई जाएगी।
टीम में पांच सदस्य होंगे, जिसमें विद्यालय प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष, शिक्षित ग्रामीण, शिक्षित अभिभावक और एक विद्यालय स्टाफ में से शिक्षक को लिया जाएगा। टीम अपने स्तर से शासन से विद्यालय में आने वाली यूनिफार्म की धनराशि, मिड-डे-मील, विद्यालय में पढ़ाई का स्तर, विद्यालय का रखरखाव आदि का आडिट करेगी। उसकी रिपोर्ट जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को देंगे। इन ग्रामीणों की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षक व विद्यालयों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। उसी के आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अग्रिम कार्रवाई करेंगे।
तीन से 20 दिसंबर तक होगा विद्यालयों में ऑडिट, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को शुरू होगी नई पहलटीम में शामिल ग्रामीण व अभिभावक तीन से बीस दिसंबर तक विद्यालय में आडिट करेंगे। उनके द्वारा विद्यालय का आडिट करने से शिक्षक लापरवाही नहीं करेंगे। उनके हस्तक्षेप से शिक्षक भी स्कूलों में नियमित और शिक्षा का स्तर उठेगा।
-मित्रलाल सिंह, जिला समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान
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