अपर जिलाधिकारी रामचंद्र ने बताया कि प्राथमिक जांच में शिकायत सही पाए जाने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से नियुक्ति संबंधी पत्रवली तलब की गई है। यह खेल तत्कालीन बीएसए मनभरन राम राजभर के जमाने में हुई है। यदि बीएसए द्वारा पत्रवली उपलब्ध नहीं कराई गई तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। पत्रवली उपलब्ध होने के बाद की जाने वाली जांच में सबूत पाए जाने पर तत्कालीन बीएसए के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
हाल के दिनों में 16 हजार शिक्षकों की भर्ती के दौरान जिले में तैनात पांच शिक्षकों की नियुक्ति को फर्जी करार दिया जा रहा है। इसे लेकर सुगबुगाहट तो काफी दिनों से चल रही थी लेकिन मामले ने नया मोड़ तब ले लिया जब शिकायत जिलाधिकारी तक पहुंच गई। जिलाधिकारी ने तत्काल इस मामले की जांच अपर जिलाधिकारी रामचंद्र को सौंप दी और अपर जिलाधिकारी ने जांच भी शुरू कर दी है। सोमवार को अपर जिलाधिकारी ने बीएसए से पांचों शिक्षकों की नियुक्ति पत्रवली तलब की। कहा जा रहा है एडीएम जल्द ही भर्ती प्रक्रिया से संबंधित सभी पत्रवलियों को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में ही जब्त कर सकते हैं। उधर जांच शुरू होने से संबंधित शिक्षकों की धुकधुकी भी बढ़ गई है।
नक्सल प्रभावित जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति व तबादले में हुए खेल का मामला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। तबादले में बरती गई अनियमितता का मामला अभी खत्म ही नहीं हुआ था कि पांच शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के मामले ने अफसरों की नींद उड़ा दी है। प्रदेश में 16 हजार शिक्षकों की भर्ती के मामले में सोनभद्र जनपद से आनलाइन आवेदन करने वाली कुसुम लता, मुहम्मद सिकंदर समेत आधा दर्जन लोगों ने जिलाधिकारी को पत्र देकर शिकायत की थी। इनका कहना था कि तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नियमों को ताक पर रखकर पांच ऐसे लोगों का शिक्षक पद पर तैनाती किया गया है जो न तो आनलाइन आवेदन किए थे और न ही जिले में हुई काउंसिलिंग में ही प्रतिभाग किए थे। शिकायत करने वालों ने बाकायदा शिक्षकों का नाम की सूची भी डीएम को मुहैया कराई है। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक कौशांबी की रहने वाली पिछड़ी जाति की एक महिला की प्राथमिक विद्यालय सेमरी विसुनार, फतेहपुर की पिछड़ी जाति की महिला की प्राथमिक विद्यालय उरमौरा, कौशांबी जिले की अनुसूचित जाति की महिला की प्राथमिक विद्यालय पसहीकला में तैनाती की गई है।
इसके अलावा ऐसे दो शिक्षकों की तैनाती प्राथमिक विद्यालय सजौर व प्राथमिक विद्यालय तिलौली में की गई है। कथित फर्जी तरीके से हुई सभी पांचों शिक्षकों की तैनाती राबट्र्सगंज ब्लाक में उन स्कूलों में तैनाती दी गई है जो मुख्यालय से सटे गांव हैं। ताकि उनको किसी प्रकार की परेशानी न होने पाए। जबकि हम लोग नियम के तहत आनलाइन आवेदन किए थे और मेरिट भी थे लेकिन हम लोगों को काटकर इनकी तैनाती की गई। जो सरासर गलत है।
No comments:
Write comments