पदोन्नति की सूची में शामिल शिक्षकों की काउंसिलिंग में विवाद पनप रहा है। काउंसिलिंग की तीन तारीख लग चुकी हैं लेकिन इसके बाद भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। शिक्षक बीएसए पर हठधर्मिता का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि काउंसिलिंग के दौरान मांगे गए विकल्प में सभी स्कूलों को नाम नहीं शामिल किए गए हैं। जनपद में तीन साल की नौकरी पूरी करने वाले 124 शिक्षकों की पदोन्नति होनी है। शिक्षकों का आरोप है कि बीएसए ने दूरदराज स्कूलों के नाम विकल्प की सूची में शामिल किए हैं जबकि महिलाओं व दिव्यांग शिक्षकों को सड़क किनारे व पास वाले स्कूलों में नियुक्त किए जाने का आदेश है। इस संबंध में शिक्षक संगठन के प्रदेशाध्यक्ष सुभाषचंद्र शर्मा से भी मिले थे। उन्हें ज्ञापन सौंपकर समस्या का समाधान करवाए जाने की भी मांग की थी लेकिन अभी तक भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। उनकी पदोन्नति प्रक्रिया बीच में ही रुकी पड़ी है। उधर बेसिक शिक्षाधिकारी डॉ.सत्यनारायण का कहना है कि पदोन्नत शिक्षकों को एकल स्कूलों में नियुक्ति दी जाएगी लेकिन शिक्षक अपनी सहूलियत के लिए सड़क किनारे व घरों के नजदीक स्कूलों में नियुक्ति किए जाने की मांग कर रहे हैं। इस लिए पदोन्नति प्रक्रिया बीच में ही रुकी पड़ी है। दीपावली के अवकाशों के कारण कार्यालय बंद हो गया था। बुधवार को कार्यालय खुलने पर पदोन्नति की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
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