परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का पूरा डॉटा अब ऑनलाइन होगा। इससे न केवल फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा बल्कि बच्चों को बेहतर सुविधाएं भी मिल सकेंगी। बेसिक शिक्षा महकमा इन दिनों इसी अभियान में जुटा हुआ है और शिक्षकों के माध्यम से बच्चों की पूरी जन्म कुंडली तैयार करवाई जा रही है। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पूरी तरह से नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है।इसके अलावा उन्हें दोपहर में पका पकाया भोजन प्रति वर्ष यूनीफार्म के दो सेट तथा पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाती हैं। साथ ही अब उन्हें स्कूल बैग देने की योजना पर भी काम चल रहा है। मिड-डे-मील खाने हेतु प्रत्येक बच्चे को एक थाली व एक गिलास देने का काम भी शुरू हो चुका है। प्रत्येक वर्ष स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्कूलों में टीम भेजकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाता है और दवाएं भी वितरित की जाती हैं। लेकिन तमाम योजनाएं लागू होने के बाद भी इन स्कूलों में छात्र संख्या हर साल घट रही है। यह शासन-प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग स्कूलों को हाईटेक बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। अब सभी बच्चों का पूरा डॉटा ऑनलाइन किया जाएगा। इसके लिए एक फार्म स्कूलों में भेजा गया है जिसमें प्रत्येक बच्चे से सम्बंधित पैंतीस कॉलम भरे जाने हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चों का आधार नंबर और खाता संख्या भी भरी जानी है। बच्चे का खाता न होने पर उसके माता-पिता का खाता संख्या भरना है। इसके अलावा बच्चों के माता-पिता की आर्थिक स्थिति और बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई दवाओं की जानकारी भी भरनी है। बच्चों का यह पूरा डॉटा ऑनलाइन हो जाने के बाद इन स्कूलों के लिए योजनाएं बनाने में भी विभाग व सरकार को काफी मदद मिलेगी। अभी स्कूलों में टाट-पट्टी पर बैठकर पढ़ाई करने वाले प्राइमरी के बच्चे आने वाले समय में अगर डेस्क और बेंच पर बैठकर पढ़ाई करते दिखें तो कोई आश्चर्य की बात नहीं। देश का सुप्रीम कोर्ट भी यही चाहता है।
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