गरीब बच्चों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से नई व्यवस्था लागू की जा रही है। अंग्रेजी पैटर्न पर पढ़ने वाले आरक्षित वर्ग व गरीब बच्चों को काफी लाभ होगा। विभाग की ओर से तैयारियां पूरी हो गई है। पिछले वर्ष राजधानी के मोहान रोड स्थित विद्यालयों में नई प्रणाली का परीक्षण सफल होने के बाद इस वर्ष से इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। प्राइमरी में प्रवेश नहीं होंगे। केएस मिश्र, जिला समाज कल्याण अधिकारी
बदलाव :
क्या कहते हैं अधिकारी
जितेंद्र उपाध्याय, लखनऊ1समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित होने वाले राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज के पैटर्न में बदलाव के बीच अंग्रेजी माध्यम के साथ ही हंिदूी में भी पढ़ाई होगी। कक्षा एक के बजाय छह से प्रवेश होंगे। नए पैटर्न के आधार पर राजधानी समेत प्रदेश के सभी 85 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में एकअप्रैल से शिक्षण कार्य शुरू हो जाएगा।
समाज कल्याण विभाग की ओर से निर्बल आय वर्ग, वाल्मीकि समाज और अनुसूचित जाति के बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जाता है। कक्षा एक से इंटर तक मिलने वाली मुफ्त शिक्षा को आधुनिकता के रंग में रंगने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया जा रहा है। नए सत्र से सीबीएसई पैटर्न पर न केवल पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है बल्कि बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के साथ ही हंिदूी में भी पढ़ाई करने का अवसर देने का निर्णय लिया गया है। जुलाई के बजाय अब एक अप्रैल से नया सत्र शुरू होगा।1प्रवेश प्रणाली में नई व्यवस्था के तहत अब सीधे नहीं मेरिट के आधार पर प्रवेश होगा। ब्लॉक स्तर पर 100 मेधावी बच्चों (60 फीसद एससी, 25 फीसद ओबीसी और 15 फीसद सामान्य बीपीएल) का चयन होगा और उनके बीच प्रवेश परीक्षा होगी। परीक्षा के आधार पर प्राप्त अंकों की मेरिट बनेगी। खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से हर श्रेणी के मेधावी बच्चों की सूची तैयार की जाएगी। कक्षा पांच के मेधावियों की सूची तैयार करने के साथ ही फरवरी को प्रवेश परीक्षा होगी।
बंद होंगी प्राइमरी कक्षाएं : नवा दय विद्यालयों की भांति आश्रम पद्धति विद्यालयों में भी अब कक्षा एक के स्थान पर कक्षा छह से प्रवेश होंगे। अगले चार वर्षो में प्राइमरी कक्षाएं पूरी तरह बंद हो जाएंगी। पहले से चल रही कक्षाएं ही चलेंगी। कक्षा एक में इस बार प्रवेश नहीं होगा। हालांकि इसे लेकर प्राइमरी शिक्षकों में रोष है।
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