अंतर जनपदीय तबादले से आए 332 शिक्षकों की तैनाती फंस गई है। 21 नवंबर को महिलाओं व दिव्यांगों की काउंसिलिंग कराने के बाद 22 नवंबर को शिक्षकों की काउंसिलिंग के दौरान वरिष्ठता को लेकर हंगामा होने पर बीएसए हरिकेश यादव ने पूरी प्रक्रिया निरस्त कर दी थी।बीएसए ने वरिष्ठता सूची नए सिरे से तैयार कर 28 व 29 नवंबर को दोबारा काउंसिलिंग का भरोसा दिलाया था। लेकिन 28 को जब कुछ शिक्षक तैनाती के लिए पहुंचे तो वापस कर दिया गया। इस लापरवाही का नतीजा है कि बिना पढ़ाए शिक्षक तीन-तीन महीने से वेतन उठा रहे हैं। शिक्षकों की ज्वाइनिंग अगस्त के अंत से शुरू हो गई थी। इस बीच बेसिक शिक्षा विभाग जिले के अंदर शिक्षकों के तबादले और समायोजन में व्यस्त हो गया है। क्या है विवाद: पूर्व बीएसए जयकरन यादव ने एक रजिस्टर तैयार किया था जिसमें अंतर जनपदीय तबादले से आए शिक्षकों को तिथिवार ज्वाइन कराया गया। इसी ज्वाइनिंग के आधार पर इन शिक्षकों की जिले में वरिष्ठता तय होगी। वर्तमान बीएसए हरिकेश यादव का कहना है कि तैनाती मूल नियुक्ति के अनुसार दी जाएगी। उसी के आधार पर नए लिस्ट बन रही है।तैनाती में देरी पर शिक्षक संघ ने की आपत्ति: अंतर जनपदीय शिक्षकों की तैनाती में देरी पर उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने आपत्ति जताई है। संघ के महामंत्री राजेश पटेल ने कमिश्नर, डीएम, सीडीओ और मंडलीय सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक से शिकायत की है। संघ ने पहले अंतर जनपदीय शिक्षकों की तैनाती करने की मांग की है।
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