माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में इन दिनों नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। खेल प्रमाणपत्रों के आधार पर वेटेज अंक लेने की मानों होड़ मची है, क्योंकि चयन बोर्ड की ओर से इसका सत्यापन नहीं कराया जा रहा है इसीलिए मनमाने तरीके से खेल प्रमाणपत्र लगाए जा रहे हैं। युवाओं का कहना है कि वह साथी भी खेल प्रमाणपत्र लगा रहे हैं, जिनका खेल से वास्ता नहीं था। चयन बोर्ड में प्रवक्ता 2013 की सभी नियुक्तियां लगभग पूरी हो चुकी हैं, जबकि स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी 2013 का साक्षात्कार एवं लिखित परीक्षा दोनों के परिणाम जारी हो रहे हैं। चयन बोर्ड सदस्यों पर यह आरोप लगता रहा है कि वह अभ्यर्थियों को मनमाने तरीके से अंकों की रेवड़ियां बांट रहे हैं। इन दिनों चयन पाने के लिए खेल प्रमाणपत्र का सहारा लिए जाने की चर्चा तेज है। असल में चयन बोर्ड खेल प्रमाणपत्र पर पांच अंक का वेटेज यानी अधिभार देता है। अभ्यर्थी की ओर से दिए गए खेल प्रमाणपत्र का विभाग जांच नहीं कराता। टीजीटी-पीजीटी प्रतियोगी मोर्चा के सिकंदर यादव आदि ने गुरुवार को इसकी शिकायत चयन बोर्ड अध्यक्ष हीरालाल गुप्त से की है। उन्हें ज्ञापन सौंपकर युवाओं ने कहा कि जिस तरह से शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया जाता है वैसे ही खेल प्रमाणपत्र का सत्यापन कराया जाए, ताकि सभी अभ्यर्थियों को ही लाभ मिल सके। चयन बोर्ड अध्यक्ष ने कहा है कि खेल प्रमाणपत्रों का अब खेल संस्था से ही सत्यापन कराया जाएगा।
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