परिषदीय विद्यालयों में गिरते हुए पढ़ाई के स्तर को सुधारने के लिए हम अपनी जिम्मेदारियों को दूसरे पर नहीं डाल सकते। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम शिक्षा की गुणवत्ता में ऐसा सुधार करे जो दिखे भी, सिर्फ कहने के लिए न हो।यह बीएसए ओपी यादव ने कहीं। वह सहजनवा ब्लाक संसाधन केंद्र पर शैक्षणिक दक्षता संवर्धन कार्यक्रम के तहत उपस्थित शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। डायट के प्रवक्ता जेपी ओझा ने कहा कि आप सब लोगो को ऐसा प्रयास करना चाहिए कि छात्रों में शिक्षा के प्रति अभिरुचि पैदा हो और विद्यालय के तरफ आकर्षित हो। सारी सुविधा मिलने के बावजूद बच्चों की उपस्थिति नहीं सुधर रही और पढ़ाई का स्तर गिर रहा है। बच्चो में नैतिकता का ह्रास हो रहा है। इसमें कही न कही अध्यापक समुदाय दोषी है। उन्होंने डायरी भरने से लेकर शिक्षा के गुड़वत्ता के सुधार, पर्यावरण सुधार के लिए एक-एक बिंदुओं को गहराई से समझाया। स्कूलों में घंटी बजाने की व्यवस्था होनी चाहिए। बच्चों में प्रार्थना राष्ट्रीय गान, प्रार्थना के बाद कुछ ज्ञानवर्धक बात भी बताना चाहिए। पढ़ाते समय सारिणी का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। इससे अनुशासन की सीख मिलती है और जब हम अनुशासित रहेंगे तो बच्चे भी आज्ञाकारी, मेधावी होंगे।
इसका असर अभिवावकों पर पड़ेगा और इसका लाभ बच्चो, समाज व देश को मिलेगा। इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी निधि श्रीवास्तव, प्राथमिक ब्लाक शिक्षक संघ अध्यक्ष महेश शुक्ल, प्रशिक्षक ओमप्रकाश यादव, केशव प्रसाद आदि लोग मौजूद थे।
खंड शिक्षा अधिकारी उरुवा अरुण प्रताप सिंह ने प्राथमिक विद्यालय पतरैठा का औचक निरीक्षण किया जहां तैनात इंचार्ज अध्यापक 10.40 पर स्कूल पर आए और बच्चों की संख्या भी कम मिली। साथ ही स्कूल की रंगाई सहित कई कमियां मिली। बच्चों नामांकन भी कम था। जिसपर उन्होंने संबंधित के खिलाफ कार्रवाई के लिए बीएसए को पत्र भेजा। पूर्व माध्यमिक पर विद्यालय दुघरा में एक भी बच्चे नहीं मिले।
यहां भी अध्यापक का वेतन काटते हुए कार्रवाई हेतू पत्र लिखा गया। इसी क्रम में एबीआरसी दिनेश गुप्ता ने माल्हनपार स्कूल का निरीक्षण किया तो दो अध्यापक अनुपस्थित पाए गए। दोनों का एक दिन का वेतन काटते हुए कड़ी कार्रवाई के लिए बीएसए को पत्र भेजा गया।
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