सरकार ने बेसिक स्कूलों के बच्चों की सेहत सुधारने के लिए फल व दूध की व्यवस्था की है। रकम भी जारी हो रही है लेकिन विभाग की मंशा कुछ और ही है। इसी कारण विभाग के खाते में रकम डंप पड़ी है। इसी को लेकर शिक्षक संघ के पदाधिकारी हरीश बाबू शर्मा के नेतृत्व में बीएसए से मंगलवार को मिले। उसके बाद अफसरों ने खाते से रकम निकालने को फाइल तैयार की।
पिछले साल जुलाई में परिषदीय स्कूलों के बच्चों के लिए हर बुधवार को दूध दिए जाने की व्यवस्था की गई थी। कुछ दिन योजना चली लेकिन फिर रकम अभाव में धड़ाम होती गई। इस बार जुलाई में हर सोमवार को प्रति बच्चे को फल खिलाए जाने थे। प्रति बच्चे पर सरकार चार रुपये खर्च कर रही है लेकिन यह रकम भी कई माह से स्कूलों को नहीं मिली। प्रत्याशा में कुछ विद्यालयों के शिक्षकों ने जेब से फल बच्चों को खिलाए लेकिन नोटबंदी ने उनके साथ भी बांध दिए। शिक्षकों के मुताबिक विभाग के खाते में लगभग दो करोड़ रुपये इसके लिए आया हुआ है जो 26 सप्ताह की रकम है लेकिन विभाग जारी नहीं कर रहा। बीएसए से इस संबंध में संपर्क किया गया लेकिन फोन रिसीव नहीं उठा।
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