उनका नाम तलत राना है। वर्तमान में वह मढैया उदयराज के प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका के पद पर हैं। वह दूसरे सरकारी शिक्षकों के लिए मिसाल हैं। पूरी लगन से शिक्षा की लौ जलाए हुए हैं। वह जिस स्कूल में जाती हैं, वहां की तस्वीर ही बदल देती हैं। वहां ऐसा माहौल बना देती हैं कि बच्चों का पढ़ाई में मन लग सके। इसके लिए कई बार अपने पास से पैसे खर्च कर देती हैं। यही वजह है कि उनके स्कूल के बच्चे अंग्रेजी भी बोलते हैं।
शहर के मुहल्ला चादरवाला बाग निवासी तलत राना वर्ष 2004 में बेसिक शिक्षा विभाग में बतौर सहायक अध्यापिका नियुक्त हुईं। उनकी पहली तैनाती शंकरपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में हुई। यहां जब उन्होंने गांव के स्कूल में पढ़ाई का माहौल देखा तो हैरत में पड़ गई। उन्होंने अपने प्रयासों से स्कूल में शिक्षा का माहौल बनाया। शैक्षिक स्तर को ऊपर उठाने के लिए निरंतर काम करती रहीं। उनकी मेहनत रंग लाई। उन्हें वर्ष 2009 और 2011 में सर्वश्रेष्ठ अध्यापिका का पुरस्कार मिला। पिछले साल उनका तबादला मढ़ैया उदयराज स्थित प्राथमिक विद्यालय में हो गया। यह स्कूल मुख्यमंत्री के पायलट प्रोजेक्ट में चुना गया। उन्होंने इस स्कूल को आदर्श स्कूल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। यहां भी सफलता मिली और उनके प्रयासों की बदौलत यह पहला प्राइमरी स्कूल बना, जो हंिदूी मीडियम से इंग्लिश मीडियम में तब्दील हो गया। प्रधानाचार्या ने अपनी जेब से रुपये खर्च कर स्कूल की दशा सुधारी। साफ सफाई से लेकर बच्चों के बैठने और स्कूल की मरम्मत तक का कार्य कराया। स्कूल में शैक्षिक एवं भौतिक वातावरण पढ़ाई के अनुकूल बनाया।
वह बताती हैं कि अब यहां प्रार्थना भी अंग्रेजी में होती है। हालांकि बाद में हंिदूी में भी कराई जाती है। इसके बाद बच्चे अंग्रेजी में न्यूज पढ़ते हैं। दैनिक रूप से अच्छे विचार प्रस्तुत करते हैं। विद्यालय की दीवारों पर स्लेबस से संबंधित पाठ हंिदूी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में है। पेंटिंग्स और मॉडल भी बनाए गए हैं। अब यहां कोई भी अधिकारी भ्रमण के लिए आता है और बच्चों से सवाल करता है तो बच्चे अंग्रेजी में जवाब देते हैं। स्कूल का यह माहौल गांव के लोगों को भी खूब भा रहा है। यही वजह है कि स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस साल स्कूल को बेहतर शैक्षिक स्तर, छात्र संख्या, भौतिक वातावरण, पढ़ाई के तौर तरीके आदि की बदौलत सर्वश्रेष्ठ स्कूल के रूप में चुना गया है।
तलत राना को शिक्षक दिवस पर लखनऊ में मुख्यमंत्री की ओर से सम्मानित भी किया गया। वह कहती हैं कि शिक्षा का स्तर सुधारने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है। सभी को ईमानदारी से इसके लिए प्रयास करने चाहिए
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