डेढ़ माह बंद रहा स्कूलप्राथमिक विद्यालय महेशपुर में तीन शिक्षक ही तैनात हैं और तीनों का निलंबन हुआ था। ऐसी दशा में बीएसए ने बीईओ को इस विद्यालय में शिक्षण कार्य के लिए किसी शिक्षक को संबद्ध करने के निर्देश दिए थे। सूत्रों की मानें तो बीएसए के निर्देश के बावजूद बीईओ ने किसी शिक्षक को यहां संबद्ध नहीं किया था। हालांकि निलंबित सभी शिक्षकों को दिसंबर के चौथे सप्ताह में बहाल कर दिया गया। ऐसे में अभिलेखों पर डेढ़ माह तक विद्यालय बंद ही रहा।
जासं, सीतापुर : बेसिक शिक्षा विभाग में चहेतों को किस तरह उपकृत किया जाता है इसकी बानगी पेश की हैं खंड शिक्षा अधिकारी कसमंडा ने। नवंबर माह में प्राथमिक विद्यालय महेशपुर बंद था, इस मामले में डीएम के आदेश पर बीएसए ने विद्यालय के प्रधानाध्यापिका समेत तीन शिक्षकों को निलंबित करते हुए बीआरसी संबद्ध करने के आदेश बीईओ को दिए। बीईओ ने चहेते दो सहायक अध्यापकों को निलंबन अवधि के दौरान ही पूरा वेतन आहरित करा दिया, जबकि प्रधानाध्यापिका को निलंबन भत्ता ही दिया। कसमंडा ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय महेशपुर सात नवंबर को बंद था। विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापिका राज कुमारी शाहू, सहायक अध्यापक राममिलन सिंह यादव व अचल सिंह गैरहाजिर थे। जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्यालय में नारेबाजी शुरू कर दी। मामले के तूल पकड़ने पर डीएम अमृत त्रिपाठी के निर्देश पर बीएसए ने तीनों शिक्षकों को निलंबित करते हुए उन्हें बीआरसी से संबद्ध कर दिया। खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार पटेल की लापरवाही का जिक्र करते हुए बीएसए ने स्पष्टीकरण तलब किया था। बीईओ ने दोनों सहायक अध्यापकों के नवंबर माह का निलंबन होने के बावजूद वैरेशन प्रपत्र पर निलंबन होना नहीं दर्शाया। दोनों शिक्षक बीईओ के कृपा पात्र थे। इससे इतर प्रधानाध्यापिका के वैरेशन प्रपत्र पर निलंबन का जिक्र कर दिया, जिससे उन्हें नवंबर माह में नियमानुसार निलंबन भत्ता ही मिला। खंड शिक्षा अधिकारी की यह करतूत महकमे में सुर्खियों में है। निलंबन अवधि में शिक्षकों का पूरा वेतन आहरित करा देना गलत है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। अगर खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा ऐसा किया जाना सही मिला तो कार्रवाई की जाएगी। -पन्ना राम, बीएसए
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