इलाहाबाद : प्रदेश के इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की प्रोन्नति को लेकर पैदा हुए विवाद जल्द सुलझने के आसार हैं। हाईकोर्ट के पांच जजों की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए प्रमुख सचिव माध्यमिक को दस्तावेजों के साथ तलब किया है। उनसे 1995 की शिक्षक भर्ती नियमावली और 1998 की नियमावली बनाने के लिए गठित कमेटी की बैठक के मिनट्स उपलब्ध कराने को कहा गया है, ताकि पीठ इस नतीजे पर पहुंच सके कि कमेटियां नया नियम बनाना चाह रही थी।
इंटर कॉलेजों में रिक्त पदों को रिक्ति पैदा होने की तारीख पर उपलब्ध योग्य शिक्षकों को प्रोन्नति देकर भरा जाए या योग्य शिक्षक उपलब्ध न होने पर सीधी भर्ती द्वारा भरा जाए, इसे लेकर दो खंडपीठों के आदेश में भिन्नता है। इसके मद्देनजर एक पर सुनवाई कर रही खंडपीठ ने मामला वृहदपीठ को संदर्भित कर दिया है। जस्टिस वीके शुक्ल की अध्यक्षता में पांच जजों की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। मूल याची साधना ने बताया कि विभाग में पद रिक्त होने पर उसे सीधी भर्ती या प्रोन्नति से भरे जाने को लेकर विवाद है। एक खंडपीठ का फैसला है कि यदि पद रिक्त होने की तारीख पर योग्य शिक्षक उपलब्ध नहीं है और शिक्षक बाद में योग्यता प्राप्त करता है तथा उसके योग्यता प्राप्त करने की तारीख को वह पद रिक्त है तो शिक्षक उस पद पर प्रोन्नति पाने का हकदार है।
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