गौरतलब हो कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार जिले के समस्त शासकीय, अशासकीय, सहायता प्राप्त, वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शीतकालीन शीतलहर के चलते 1 से कक्षा 8 तक विद्यालयों में 13 जनवरी तक कक्षायें स्थागित रहेंगी किन्तु आगामी विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य हैं। विडम्बना हैं कि शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की उदासीनता के चलते क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों व मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संचालकों ने जिलाधिकारी के आदेश को ताख पर रख दिया हैं। बुधवार को दोपहर 11 बजे प्राथमिक विद्यालय अजीत खेड़ा मजरे भवानीगढ़ में ताला लटकता नजर आया ग्रामीणों ने बताया कि कई दिनों से विद्यालय नहीं खुला हैं। दोपहर एक बजे प्राथमिक विद्यालय बारी खेड़ा मजरे गूढ़ा में तैनात चार शिक्षकों में शिक्षिका अर्चना व अमिता पांडेय उपस्थित तो एक शिक्षक व एक शिक्षिका नदारत मिली। 1:50 पर प्रा.वि. कोइली खेड़ा मजरे गूढ़ा में तैनात तीन अध्यापकों में भूपेश सिंह पटेल उपस्थित तो प्रधानाध्यापिका सरला वर्मा सहायक अध्यापिका आशा देवी नदारत मिली। दोपहर 2 बजे प्रा.वि. गंगा खेड़ा में तैनात 5 शिक्षकों में प्रधानाध्यापक वीरेन्द्र कुमार सिंह, सहायक अध्यापक रमेश कुमार, बैजनाथ उपस्थित तो डॉ. प्रभु नरायण, गिरिजा शंकर शुक्ल नदारत मिले। वहीं 2:05 पर प्रा.वि. ढ़ोढवापुर में ताला लटकता मिला। 2:12 पर प्रा.वि. निबडवल मजरे बेड़ारु में 5 शिक्षकों में हीरालाल और आत्माराम उपस्थित तो सतीश, संदीप, गीतादेवी अनुपस्थित पाई गई। 1:20 पर प्रा.वि. गढ़ी में ताला लटकता मिला। ग्रामीणों ने बताया कि एक अध्यापिका आयी थी जो लगभग 11 बजे ही ताला बंद करके चली गई। वहीं 1:30 पर प्रा.वि. बलेथा मजरे देहली व 1:45 पर प्रा.वि. व पूर्व माध्यामिक विद्यालय वाजिदपुर में ताला लटकता मिला। उक्त विद्यालय मात्र नमूना हैं यही स्थिति क्षेत्र के लगभग समस्त परिषदीय विद्यालयों की हैं। वहीं मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संचालक भी जिलाधिकारी के आदेश की कहीं भी पीछे नही हैं जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद उनके द्वारा धड़ल्ले से कक्षा 1 से 8 तक कक्षाएं चलाई जा रही हैं।
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