परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मिड-डे-मील योजना के तहत इस्तेमाल होने वाले गैस सिलेंडर पर भी अब सब्सिडी मिलेगी। स्कूलों को सब्सिडी दिलाने के मामले में आधार नंबर जरूरी नहीं होगा। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने जिले के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर इसे अमलीजामा पहनाने को कहा है। उनके निर्देश पर जिले में इसकी प्रक्रिया भी ब्लाक स्तर पर शुरू कर दी गई है।
शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि एमडीएम योजना के तहत परिषदीय स्कूलों में भोजन पकाने के लिए सभी स्कूलों को रसोई गैस सिलेंडर मुहैया कराये जा रहे हैं। जिले के करीब पचास फीसद से अधिक स्कूलों को रसोई गैस सिलेंडर मिल भी चुके हैं। इन्हीं पर एमडीएम पकाया जाता है। शासन स्तर से जो कनवर्जन कास्ट निर्धारित किया गया है उसी से ईंधन की भी की जानी होती है। बगैर सब्सिडी के गैस सिलेंडर पर भोजन पकाने में इतना ज्यादा खर्च आता है कि अगले महीने गैस सिलेंडर भरवाने के लिए बजट ही नहीं बचता। ऐसे में कई बार धन के अभाव में एमडीएम योजना प्रभावित होने लगती है। इस समस्या का समाधान कराने के लिए शिक्षक कई बार विभागीय स्तर पर आवाज उठाते रहे हैं। इस पर अब मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने गंभीरता दिखायी है। वहां से एक आदेश जारी करके कहा गया है कि एमडीएम के तहत गैस सिलेंडर लेने में जो धनराशि खर्च होती है,उसमें छूट दी जाएगी। यह छूट सब्सिडी के रूप में होगी। सब्सिडी पाने के लिए आधार नंबर जरूरी नहीं होगा। बगैर आधार नंबर के ही सब्सिडी मिल जाएगी। शिक्षकों को होगा बड़ा
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