योग का पाठय़क्रम भी शुरू होगा, दिव्यांगों के लिए बनेगा सेन्सरी पार्क
तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर डा. शकुन्तला विवि के कुलपति से रूबरू
दिव्यांगजन को कौशल और शिक्षा के माध्यम से डा. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विविद्यालय में एक ही छत के नीचे प्राइमरी से लेकर पीएचडी करने तक की सुविधा दी जाएगी। इसके साथ ही उद्योगों से समन्वय किया जाएगा, ताकि दिव्यांगों का बेहतर प्लेसमेन्ट हो सके। इसके साथ ही विवि में सौर ऊर्जा आधारित इमारतें बनेंगी। योग का पाठयक्रम भी शुरू किया जाएगा। विवि में ब्रेल प्रेस स्थापित की जाएगी। इसके साथ ही विवि परिसर में मुख्य द्वार के बगल में दिव्यांगजन के लिए सेन्सरी पार्क बनाया जाएगा। यह जानकारी विविद्यालय के कुलपति प्रो. निशीथ राय ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने पर शनिवार को उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की संख्या 484 से बढ़कर लगभग 4500 हो गयी है जिसमें 751 विद्यार्थी दिव्यांग हैं। प्रोफेसर राय ने बताया कि कक्षा छह से कक्षा 12 तक की कक्षाएं अगले सत्र जुलाई से शुरू होंगी। जल्दी ही प्राइमरी स्कूल भी खोलने जा रहे हैं। इसके साथ ही पीजी डिप्लोमा इन भोजपुरी लैंग्वेज शुरु होगा। यह रोजगार से जुड़ा है और बालीवुड और चैनल आदि में इसकी मांग है। उन्होंने बताया कि राज्य के 13 संस्थान और एक मेडिकल कालेज विविद्यालय से सम्बद्ध हो चुका है। दिव्यांगजन को मुख्य धारा में ले जाने वाले शोध कायर्ोे को बढ़ावा दिया जाएगा। ‘‘क्रीडा एवं योग प्रकोष्ठ’ व ‘‘करियर काउन्सलिंग केन्द्र’ स्थापित किया जायेगा। ‘‘यूनिवर्सिटी-इन्डस्ट्री लिंकेजेज़ सेल’ गठित किया जाएगा।उन्होंने बताया कि तीसरे दीक्षांत समारोह में 437 डिग्री व 57 को मेडल दिया जाएगा। विवि का राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा मूल्यांकन कराया जाएगा।इसके साथ ही मल्टी मीडिया सेन्टर बनाया जाएगा, जिसमें डाक्युमेन्ट्री और फिल्म से सम्बंधित आडियो-वीडियो प्रोडक्शन और कम्प्यूटरग्राफी आदि होगी। इसमें पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स भी चलेगा। आर्किटेक्ट फैकल्टी भी शुरू किया जाएगा। डिजिटल लाइब्रेरी तैयार हो रही है। इसमें कोई भी आकर सुविधा का लाभ उठा सकता है।विविद्यालय के कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र द्वारा अभी तक 1608 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण प्रदान किये गये हैं। संस्थाओ/महाविद्यालयों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में सम्बद्धता प्रदान करने की दृष्टि से नोशनल फैकल्टीज़ का सृजन किया गया। पूर्णतया बैरियर फी केन्द्रीय पुस्तकालय का निर्माणकार्य लगभग पूरा। पांच तल वाला पूर्णतया वातानुकूलित यह पुस्तकालय डिजिटलाइज्ड होगा तथा प्रकाश हेतु सौर ऊर्जा का प्रयोग होगा। इसमें दृष्टिहीन विद्यार्थियों के लिये ब्रेल लिपि में पुस्तकें उपलब्ध होंगी। बधिरों के लिये ‘‘डेफ कॉलेज’ की स्थापना का कार्य आरम्भ, यूजीसी (जीडीए) से वित्तपोषित 20 लघु शोध परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है।फैकेल्टी ऑफ आर्कीटेर के अन्तर्गत बी आर्क पाठ्यक्रम आरंभ किया जाएगा। मास्टर ऑफ आडियोलॉजी एण्ड स्पीच लैग्वेज पैथोलॉजी पाठ्यक्रम आरम्भ किया जाएगा। मास्टर ऑफ प्रॉस्थेटिक्स एण्ड आर्थोटिक्स पाठ्यक्रम आरम्भ किया जाएगा। ‘‘डेफ कॉलेज’ के तहत सांकेतिक भाषा में तीन वर्षीय बी़वोक पाठ्यक्रम शुरू किया जायेगा।
द सहारा न्यूज ब्यूरोलखनऊ।
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