सफाई कर्मी कल्याण सिंह सुबह और शाम को स्कूल की रखवाली भी करते हैं। उसका कहना है कि गांव के कुछ लोग स्कूल परिसर में घुसकर गंदगी करते हैं। जिसे लेकर कई बार ऐसे लोगों से नोकझोंक भी हो चुकी है। मगर कल्याण की मुस्तैदी के चलते स्कूल परिसर हमेशा साफ-सुथरा रहता है।
स्वच्छ भारत
परिषदीय स्कूल का नाम जेहन में आते ही बदहाल भवन, शौचालय और गंदगी से पटे परिसर का खाका खिंच जाता है। मगर जोया ब्लाक के ग्राम मंजूपुरा अटेरना परिषदीय विद्यालय की सूरत बिल्कुल अलग है। यहां सफाई कर्मी से लेकर अध्यापक तक नई सोच के साथ काम कर रहे हैं। साफ-सफाई को लेकर अन्य से यह अलग स्कूल है।
जोया के लगभग 300 परिषदीय स्कूलों में एक ग्राम मंजूपुरा अटेरना में स्थित है। यहां कार्यरत सफाई कर्मचारी कल्याण सिंह ने 1991 में नौ सौ रुपये प्रतिमाह पर बेसिक शिक्षा विभाग में संविदा पर नौकरी शुरू की। अब सात हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है। इसी तरह जिले में संविदा पर विभिन्न स्कूलों में 50 सफाई कर्मचारी तैनात हैं। इन कर्मचारियों में कल्याण सिंह की सोच अलग है। मिशन के तहत साफ-सफाई आदि पर ध्यान देने के लिए पढ़ाए जा रहे जागरूकता के पाठ को कल्याण सिंह ने गंभीरता से लिया। इसके बाद उसने अपने ही गांव के स्कूल से स्वच्छता मिशन को शुरू किया। प्राथमिक विद्यालय व उच्च प्राथमिक विद्यालय के कैंपस में बने शौचालयों को बेहतर करने के बाद खुद के रुपये से रंगाई-पुताई की। साथ ही कैंपस में विभिन्न फूलों के पौधे रोपित किए। यहीं नहीं शौचालय तक जाने का रास्ता भी बनाया। मिट्टी पाट कर उस पर अपने हाथों से लिपाई की। इस कार्य में उसकी पत्नी और मां ने भी उसका हाथ बंटाया। सफाई कर्मचारी के इस जज्बे को देख कर विद्यालय के प्रधानाचार्य टीकम सिंह समेत अन्य स्टाफ भी साथ आ गया। जिसका परिणाम रहा कि विद्यालय कैंपस में क्यारी लगाकर गुलाब, डहेलिया और गेंदा जैसे फूलों के पौधे लगाए गए जो स्कूल की शोभा बढ़ा रहे हैं।
सफाईकर्मी ने बदली प्राथमिक विद्यालय अटेरना की सूरत1’अपने पैसों से परिसर में फूल-पौधे रोपित कर किया सुंदरीकरणकल्याण सिंह का काम वाकई सराहनीय है। स्कूल को स्वच्छ रखने के साथ ही कैंपस को सजाने का कार्य इन्होंने ही किया है। इससे स्कूल की सुंदरता में चार-चांद लग गए हैं। आने वाले समय में स्कूल को और बेहतर बनाया जाएगा। इस कार्य में स्कूल का पूरा स्टाफ सहयोग को तैयार है।
टीकम सिंह, प्रधानाचार्य, प्राथमिक विद्यालय मंजूपुरा अटेरना।स्कूल का निरीक्षण किया जाएगा। अगर वाकई सफाई कर्मचारी ने मिशन के तहत बेहतर कार्य किया है तो उसे पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही अन्य को भी उससे प्रेरणा लेकर अपने-अपने स्कूल के बेहतर करना चाहिए। जिससे स्कूल अलग दिखे। डॉ. बृजेश कुमार त्रिपाठी, बीईओग्राम अटेरना के प्राथमिक स्कूल में फुलवारी ’ जागरण
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