हाल ही में भर्ती हुए नवनियुक्त शिक्षको को निर्गत होने वाले वेतन से पूर्व आनलाइन अभिलेखीय सत्यापन कराने की बात से खुद बेसिक शिक्षा अधिकारी मुकर गए। जिसके चलते चार माह से शिक्षको को वेतन नहीं मिल सका। बीएसए की वादा खिलाफ से शिक्षक संघ आक्रोशित है। संघ के पदाधिकारियों ने मिलकर नाराजगी जताई और आर पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया। आक्रोशित संघ का रुख देख बीएसए ने करीब एक सैकड़ा शिक्षको की वेतन स्वीकृति संबंधित बीईओ को भेजा है।
सोलह हजार शिक्षकों की हुई भर्ती के बाद उन्हें सितंबर 2016 में स्कूलों में तैनाती मिली। उनके वेतन स्वीकृति के लिए पहले महकमे ने अॅाफ लाइन सत्यापन का फ रमान जारी किया था, लेकिन शिक्षक संघ के ऐतराज पर बीएसए ने आनलाइन सत्यापन की बात मानी थी। शिक्षकों का आरोप है कि बीएसए अपने ही वायदे से मुकर गए और आखिरकार चार माह से मामला लटका रहा। विभागीय लापरवाही के चलते नियुक्ति के चार माह बाद भी नवनियुक्त शिक्षकों को फू टी कौड़ी मुहैया नहीं हो सकी। इस वादा खिलाफ से नाराज शिक्षक संघ का हुजूम बीएसए से मिला और दो टूक में नाराजगी जताई और वादा खिलाफ का आरोप लगाया। शिक्षक नेता धीरेन्द्र प्रताप सिंह बघेल ने सेवा निवृत शिक्षकों को समय से पावती भी उपलब्ध कराने की मांग रखी। जिसे बीएसए ने गंभीरतासे लिया और सूची तलब की। इस मौके पर जिलाध्यक्ष अशोक कु मार मिश्र समेत दर्जनोअध्यापक मौजूद रहे।
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