कैसे खानी है दवा अभियान के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. एमसी गर्ग बताते हैं कि पेट के कीड़े मारने वाली गोली को निगलना नहीं है, बल्कि इसे चबा कर खाना है। एक से तीन साल तक के बच्चों को दवा कूटकर दी जाएगी। अभियान में 908554 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। अभियान में दवा खाने से छूटे बच्चों को चार मार्च को दवा दी जाएगी।
अभियान
बच्चों के पेट में कीड़े होना आम बात है। यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो बच्चों का विकास रुक जाता है। इसे लेकर सरकार फिक्रमंद है। इसके लिए 28 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इस दिन सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 19 साल तक के बच्चों को मुफ्त दवा दी जाएगी।पेट में कीड़े होना अच्छी बात नहीं है। मिट्टी में खेलने, मिट्टी खाने, बिना धोए फल-सब्जी खाने से बच्चों के पेट में कीड़े हो जाते हैं, जो आंतों में अपना घर बनाकर परिवार बढ़ाते हैं। कई बार ज्यादा मीठे पदार्थों के सेवन से भी पेट में कीड़े हो जाते हैं और बच्चों को बीमार बना देते हैं। यह ऐसी बीमारी है जिससे बच्चों का शारीरिक विकास प्रभावित होने लगता है। बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए सरकार चला रही है, जिसके तहत स्कूलों में बच्चों को एलबेन्डाजोल दवा दी जाती है।1केंद्र सरकार की ओर से हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है। इस एक दिन में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को यह दवा खिलाना स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य रहता है। इस बार भी 908554 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए विभाग ने सभी तैयारियां कर ली हैं। सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा पहुंचा दी गई है। अध्यापकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दवा देने की जिम्मेदारी दी गई है।’
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