यूपी बोर्ड में कंप्यूटर के जरिए मुख्यालय पर ही परीक्षा केंद्र बनाने का प्रयास परवान नहीं चढ़ सका। इसके बाद भी अफसरों ने हार नहीं मानी है और अब एक आजमाए प्रयोग को विस्तार देने की तैयारी है। परीक्षार्थियों को यूपी बोर्ड ऑनलाइन प्रवेश पत्र मुहैया करा सकता है। वेबसाइट पर अपलोड प्रवेश पत्र को निकालने की जिम्मेदारी संबंधित स्कूलों को दिए जाने का खाका खींचा जा रहा है। भले ही पहले साल इसके बेहतर परिणाम न आये, लेकिन तकनीक का साथ लेकर अच्छी पहल का प्रयास हो रहा है। 1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि यूपी बोर्ड ने वर्ष 2013-14 में तकनीक से जुड़कर आगे बढ़ने की पहल की। दो बरस बाद 2015 में ही परीक्षार्थियों को ऑनलाइन प्रवेशपत्र मुहैया कराने के प्रयास हुए। बोर्ड ने सारी तैयारियों के बाद प्रदेश के सिर्फ पांच जिलों लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, मेरठ एवं बरेली में यह प्रयोग किया। इसमें लखनऊ सूबे की राजधानी होने एवं अन्य जिलों में बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय होने से परीक्षण किया गया। इसमें परीक्षार्थियों ने उत्सुकता नहीं दिखाई थी, क्योंकि बोर्ड कुछ साल पहले ही हाईटेक हुआ था और जो नियम लागू हुए थे ज्यादातर उन्हें ही समझने में जुटे थे। सफल न होने का दूसरा कारण सभी स्कूलों को उस वर्ष ऑफलाइन भी प्रवेश पत्र मुहैया कराए गए थे, ऐसे में धन एवं समय खर्च करने से विद्यालय प्रधानाचार्यो ने परहेज किया। प्रवेश पत्र में परीक्षार्थी के संबंधित स्कूल प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर होते हैं इसलिए इसे डाउनलोड करने की जिम्मेदारी स्कूल प्रधानाचार्य को ही दी गई थी। प्रधानाचार्यो ने केवल वही प्रवेश पत्र डाउनलोड किए जो किसी कारण से गायब हो गए थे या फिर उनमें कोई गलत प्रविष्टि दर्ज थी। बोर्ड और तकनीक के साथ चलते अब कई वर्ष हो चुके हैं। सभी विद्यालय हर साल ऑनलाइन पंजीकरण एवं परीक्षा फार्म भरवा ही रहे हैं। ऐसे में प्रवेश पत्र के पायलट प्रोजेक्ट को लागू करने की फिर तैयारी है। बोर्ड ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन प्रवेश पत्र मुहैया कराने के पक्ष में है, ताकि किसी तरह की दिक्कत न हो। ऑनलाइन प्रवेश पत्र अपलोड करने से लोगों को इस दिशा में धीरे-धीरे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा और कुछ वर्षो में यह ऑनलाइन ही निकाले जा सकेंगे। सहमति बनी तो इस बार भी प्रधानाचार्यो को ही यह जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि वह हस्ताक्षर एवं मुहर लगाकर उसे वैध करके परीक्षार्थी को सौंप दें। बोर्ड के दूसरे पक्ष का कहना है कि परीक्षा से संबंधित तमाम सामग्री एक साथ विद्यालयों को हर साल भेजी ही जाती है उसी के साथ प्रवेश पत्र भी आसानी से चले जाते हैं। इसमें एजेंसी को तैयार करना पड़ेगा साथ ही प्रधानाचार्यो से भी अनुरोध करना होगा। सकारात्मक बात यह है कि बोर्ड ने इस बार परीक्षा नीति में हर केंद्र पर कंप्यूटर व अन्य यंत्र उपलब्ध है ऐसे में प्रवेश पत्र डाउनलोड कराने में कोई समस्या नहीं होगी।
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