DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Sunday, February 26, 2017

अधिकारियों के निशाने पर फर्जी संस्थाएं, कोर्ट की फटकार के बाद अफसर जागे, कार्रवाई के निर्देश

सूबे के शाहजहांपुर की फर्जी शैक्षिक संस्था पर कोर्ट की फटकार के बाद अफसर जागे हैं। यूपी बोर्ड की तरह हाईस्कूल व इंटर के अंक एवं प्रमाणपत्र बांटने वाली इस संस्था पर कार्रवाई के कड़े निर्देश जारी हुए हैं। साथ ही प्रदेश की अन्य फर्जी संस्थाओं पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। असल में शिक्षा माफियाओं का बोलबाला लगातार बढ़ता जा रहा है। वह अब तक चहेते छात्र-छात्रओं का पंजीकरण कराकर मनचाहे विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनवाकर उन्हें नकल के माध्यम से उत्तीर्ण कराते आ रहे हैं। इधर कुछ वर्षो में शिक्षा माफियाओं का रुतबा इतना बढ़ गया है कि वह दुनिया के सबसे बड़े यूपी बोर्ड को ही चुनौती दे रहे हैं। 1इसकी वजह यह है कि अफसर माफिया पर कार्रवाई करने के बजाए उनकी करतूतों से नजरें फेर ले रहे थे और शिक्षा माफिया युवाओं का भविष्य चौपट करने के साथ ही लाखों के वारे-न्यारे कर रहे थे। सरकार की ढुलमुल नीति व अफसरों की अनदेखी की वजह से ही कांट शाहजहांपुर का शिक्षा माफिया फर्जी संस्था के अंक व प्रमाणपत्रों को मान्यता दिलाने के लिए कोर्ट तक पहुंच गया। 1माध्यमिक शिक्षा परिषद उप्र कांट शाहजहांपुर यानी बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन का खेल वर्षो से चल रहा है। जिले के अफसरों से लेकर शासन तक को फर्जीवाड़ा की जानकारी होने के बाद भी शिक्षा माफिया के काले धंधे को कुचलने का कोई प्रयास नहीं हुआ। करीब छह माह पहले गैर प्रांत से एक युवक का अंक व प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए यूपी बोर्ड आया था। बोर्ड के कर्मचारी एवं अफसर फर्जी संस्था का प्रमाणपत्र देखकर दंग रह गए। इसकी सूचना बोर्ड अफसरों से लेकर शासन तक को मौखिक रूप से दे दी गई। उसके बाद से सभी मौन हो गए। 1बड़े पैमाने पर हो रहे इस फर्जीवाड़े से शासन एवं विभागीय अफसरों के आंखें मूंद लेने के कारण शिक्षा माफिया की हिम्मत बढ़ गई और वह हाईकोर्ट में पहुंचकर प्रमाणपत्रों को मान्य कराने की गुहार लगाने लगा। कोर्ट की फटकार के बाद अफसर जागे, जुर्माना वसूलने के साथ ही एफआइआर दर्ज करने के निर्देश जारी हो चुके हैं। फर्जी संस्था के साथ ही अफसरों में भी अब खलबली मची है इसीलिए तेज कार्रवाई करके सब रफा-दफा करने की तैयारी है। इसमें बड़े अफसर एवं शिक्षा माफिया गठजोड़ को उजागर करने के लिए उच्च स्तरीय जांच की मांग जल्द ही होगी। इस संबंध में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी है। फर्जी संस्था पर कार्रवाई जल्द

No comments:
Write comments