लखनऊ। अस्तित्वविहीन वि़द्यालय के जरिए अनुसूचित जाति के छात्र-छात्रओं की छात्रवृत्ति हड़पने के एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने कानपुर की तत्कालीन सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी बंसती तिवारी को चार साल की सजा सुनाई है। विशेष महेंद्र प्रसाद चौधरी ने इस पर 40 हजार का जुर्माना भी ठोंका है। अदालत ने इस मामले में अस्तित्वविहीन विमला प्राइमरी स्कूल के प्रबंधक गिरिजा शंकर शुक्ला को छह साल की सजा व 60 हजार के जुर्माना, स्कूल की कोषाध्यक्ष अरुणा शुक्ला को चार साल की सजा व 50 हजार के जुर्माना तथा एक अन्य मुल्जिम अशोक कुमार दवे को तीन साल की सजा व 20 हजार के जुर्माने से दंडित किया है। सीबीआई के लोक अभियोजन अजय पाल के मुताबिक वर्ष 1996-97 के दौरान मुल्जिमों ने आपसी सांठ-गांठ से अस्तित्व विहीन स्कूल के जरिए अनुसुचित जाति के 171 छात्र-छात्रओं का 31 हजार 500 रुपए हड़प लिया।
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