परीक्षार्थियों के विषय के अनुरूप कार्यक्रम व मीडियम तक का जिक्र
इस बार से परीक्षार्थियों को ऑनलाइन एडमिट कार्ड (प्रवेश पत्र) ही नहीं देने जा रहा है, बल्कि उसके साथ तमाम सुविधाएं भी मुहैया करा रहा है। लंबे समय बाद इस तरह का एडमिट कार्ड तैयार कराया गया है, जो परीक्षार्थियों के उपयोग में आएगा साथ ही इस कार्ड के जरिए कोई भी अधिकारी या फिर परीक्षक परीक्षार्थी की पूरी जानकारी हासिल कर सकता है। इसका वितरण अगले सप्ताह से शुरू होने कराने की तैयारी है। 1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि इधर नित-नए प्रयोग कर रहा है। इस बार से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को ऑनलाइन प्रवेशपत्र देने की योजना बनी। यह योजना प्रदेश भर में पहली बार लागू कर रहे हैं इसलिए परीक्षार्थियों पर एडमिट कार्ड डाउनलोड कराने का दबाव नहीं होगा, बल्कि संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्यो को इस ओर प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही ऑफलाइन एडमिट कार्ड भी सभी जिलों में भेजे जा रहे हैं, ताकि किसी तरह की कोई परेशानी न हो। 1पूरी जानकारी से लैस है ये कार्ड : परीक्षार्थियों को दिए जाने वाले एडमिट कार्ड को उम्दा तरीके से तैयार किया गया है। इसमें परीक्षार्थी का नाम, पिता का नाम, विद्यालय, परीक्षा केंद्र, संकाय आदि का जिक्र पिछले वर्षो की तरह है। इस बार से परीक्षार्थी के विषयों से जुड़ा परीक्षा कार्यक्रम भी कार्ड पर दर्ज कराया गया है, ताकि उसे बोर्ड की पूरी स्कीम खंगालने के बजाए एडमिट कार्ड से पता चले कि अगला प्रश्नपत्र किसका, किस दिन और कितने बजे से हैं। कार्ड पर क्यू आर कोड डाला गया है। इससे यह फायदा होगा कि किसी और के नाम से कोई ‘मुन्नाभाई’ तो परीक्षा नहीं दे रहा। साथ ही हाईस्कूल के परीक्षार्थियों के लिए मीडियम हंिदूी और अंग्रेजी तक का इस पर जिक्र किया गया है, इससे प्रश्नपत्र छपवाने में बोर्ड को सहूलियत मिली है और परीक्षक इसे देखकर प्रश्नपत्र देगा। 12015 में पांच जिलों में हुआ प्रयोग : बोर्ड ने 2015 में ही परीक्षार्थियों को ऑनलाइन प्रवेशपत्र मुहैया कराया था। बोर्ड ने सारी तैयारियों के बाद प्रदेश के सिर्फ पांच जिलों लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, मेरठ एवं बरेली में यह प्रयोग किया। इसमें लखनऊ सूबे की राजधानी होने एवं अन्य जिलों में बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय होने से परीक्षण किया गया। हालांकि उस समय परीक्षार्थियों ने इसमें उत्सुकता नहीं दिखाई, क्योंकि बोर्ड कुछ साल पहले ही हाईटेक नहीं था। वहीं अगले सप्ताह से प्रवेश पत्र वेबसाइट पर अपलोड कर देगा और प्रधानाचार्यो को यह जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि वह हस्ताक्षर एवं मुहर लगाकर उसे वैध करके परीक्षार्थी को सौंप दें।’
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