लखनऊ : हाइकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने पिछले दिनों एटा में हुई स्कूल बस दुर्घटना की जांच कराए जाने और हादसे में हताहत बच्चों के परिवारीजन को मुआवजा दिए जाने की मांग वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार से ब्योरा तलब किया है। अदालत ने इस मामले में जानना चाहा है कि अब तक सरकार ने सुप्रीमकोर्ट के दिशा-निर्देशों पर क्या उपाय किए हैं।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहब भोसले व न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने याची वी द पीपुल की ओर से अधिवक्ता प्रिंस लेनिन द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिया। जनहित याचिका में कहा गया है कि अभी हाल में एटा जिले में स्कूल बस दुर्घटना में 12 बच्चों की मौत हो गई थी।
आरोप लगाया गया कि स्कूली बच्चों के आवागमन में प्रयोग होने वाले वाहनों के मानकों में अनदेखी की जा रही है। यह भी कहा गया कि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का भी कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है। सुप्रीमकोर्ट ने स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने वाली बसों व अन्य गाड़ियों के विषय में प्रदेश सरकार को कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। याचिका में पूरे मामले की जांच कराने और मृत व घायल बच्चों के परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया कि सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों का ठीक से पालन नही किया जा रहा है। कहा गया कि आए दिन ऐसी दुर्घटनाएं हो रही हैं, फिर भी संबंधित अधिकारी गौर नहीं कर रहे हैं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 16 फरवरी को तय की है।
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