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Tuesday, February 28, 2017

लखीमपुर : शिक्षा में नवाचार के लिए बीईओ को मिलेगा नेशनल अवार्ड, आगामी सात मार्च को दिल्ली में मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा दिया जाएगा अवार्ड

आमतौर पर बेसिक शिक्षा को लेकर तमाम तरह के सवाल उठाए जाते रहे हैं, लेकिन पूर्व में यहां तैनात रहे इसी बेसिक शिक्षा महकमे के एक अफसर ने शैक्षिक वातावरण सुधारने के लिए अपनी नई सोच व मेहनत के बलबूते एक ऐसी अलख जगाई कि उसकी गूंज दिल्ली तक पहुंच गई। निघासन ब्लाक में अपनी तैनाती के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी संजय शुक्ला द्वारा बेसिक शिक्षा के उत्थान के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। भारत सरकार ने इन्हीं कार्यों के लिए उनका नाम नेशनल अवार्ड के लिए चयनित किया है। आगामी सात मार्च को दिल्ली में आयोजित कार्यशाला में उन्हें यह अवार्ड प्रदान किया जाएगा। निघासन ब्लाक के सभी परिषदीय शिक्षकों ने नेशनल अवार्ड के लिए नाम चयनित होने पर श्री शुक्ला को बधाई दी है। आमतौर पर बेसिक शिक्षा महकमे में हमेशा संसाधनों का ही रोना रोया जाता रहता है, लेकिन पूर्व में जिले के पिछड़े ब्लाकों में शुमार निघासन में तैनात रहे खंड शिक्षा अधिकारी संजय शुक्ला ने इन्हीं सीमित संसाधनों में कुछ नया करने की सोंची। इसके पीछे उनकी सोच एकदम साफ थी। उनका मानना था कि अगर हम संसाधनों का रोना रोने के बजाय उपलब्ध संसाधनों का ही पूरी मेहनत से प्रयोग कर गांवों के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को कुछ नया देने का प्रयास करें तो न केवल उनकी पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ेगी, बल्कि उनके भीतर छिपी हुई प्रतिभा को सामने लाने में भी काफी मदद मिलेगी। इसे उन्होंने एक चुनौती के रूप में लेने का बीड़ा उठाया। इसकी शुरुआत उन्होंने स्कूलों में सामान्य ज्ञान की प्रतियोगिताओं के आयोजन से की। पहले एक साथ सभी स्कूलों में एक ही समय पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें करीब 30 हजार से भी ज्यादा बच्चों ने प्रतिभाग किया। इसके बाद न्याय पंचायत स्तर पर और फिर ब्लाक स्तर पर। बाद में ब्लाक संसाधन केंद्र पर आयोजित एक समारोह में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को उपजिलाधिकारी द्वारा पुरष्कृत भी कराया गया। स्कूल स्तर पर एक साथ 30 हजार से भी ज्यादा बच्चों को प्रतियोगिता में सफलतापूर्वक प्रतिभाग कराना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन यह खंड शिक्षा अधिकारी संजय शुक्ला का जुनून ही था जो उन्होंने इस असंभव कार्य को भी संभव करके दिखा दिया। उनका यह प्रयोग जनपद की अन्य ब्लाकों के लिए भी प्रेरणाश्रोत बना और कई जगह इसका क्रियान्वयन भी हुआ। इसके अलावा निघासन ब्लाक के हर परिषदीय स्कूल की दीवार पर उनके द्वारा लिखवाया गया एक स्लोगन भी काफी चर्चा में रहा। यह स्लोगन था उत्कृष्ट शिक्षा की राह पर निघासन। इस स्लोगन ने शिक्षकों को अपना काम ईमानदारी और जिम्मेदारी से करने के लिए प्रेरित करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। स्कूल पहंुचने पर हमेशा निगाह में पड़ने वाले इस स्लोगन ने शिक्षकों को कभी उनकी जिम्मेदारी से विमुख नहीं होने दिया। अभिवावकों ने भी इस अभियान की काफी सराहना की। एक जुनूनी खंड शिक्षा अधिकारी की अपने ब्लाक को उत्कृष्ट शिक्षा की राह पर आगे बढ़ाने की यह गूंज जिले से होते हुए पहले लखनऊ और फिर देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई। वहां न केवल उनके इन नवाचारों को व्यापक सराहना मिली बल्कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने 2016-17 के लिए उनका नाम नेशनल अवार्ड के लिए भी चयनित कर लिया। इसके लिए आगामी पांच मार्च से दिल्ली में मंत्रालय द्वारा शिक्षाविदों की एक तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला के अंतिम दिन सात मार्च को खंड शिक्षा अधिकारी संजय शुक्ला को नेशनल अवार्ड प्रदान किया जाएगा। श्री शुक्ला इस समय बरेली जनपद में तैनात हैं। इस उपलब्धि पर निघासन ब्लाक के सभी शिक्षकों ने उन्हें बधाई दी है।

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