बिना स्कूल जाए पगार लेने वाले गुरुजी अब चिह्नित किए जाएंगे। शासन से निरीक्षण के लिए टीमें गठित कर स्कूलों में छापेमारी कराने के निर्देश दिए हैं। टीम स्कूलों में पहुंच कर बच्चों से शिक्षकों के आने का समय पूछेगी और अभिभावकों से भी गुरुजी की जानकारी हासिल करेगी।
जिले में 2125 प्राथमिक और जूनियर स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में लगभग पांच हजार शिक्षक-शिक्षिकाएं कार्यरत हैं। जिले में दो सैकड़ा से अधिक ऐसे शिक्षक हैं जो कभी स्कूल नहीं जाते। पूरे माह का वेतन घर बैठे ले लेते हैं। दो माह पहले ऐसे ही दो शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं। जबकि 25 से अधिक शिक्षकों का निलंबन और वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई हो चुकी है। लेकिन इसके बावजूद भी स्कूलों की हालत नहीं सुधरी है।
शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि जनपद स्तर पर निरीक्षण के लिए टीमें गठित की जाएं। टीम के सदस्य स्कूल पहुंच कर वहां अध्ययनरत छात्र-छात्रओं से शिक्षकों के आने और जाने, मिड-डे मील, यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकों का पूरा लेखा-जोखा तैयार करें। बच्चों के अभिभावकों से टीम शिक्षा की गुणवत्ता पर बात करें और शिक्षकों की जानकारी लें। शासन ने ये पूरी कार्रवाई एक महीने तक लगातार चलाने के निर्देश दिए हैं।
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी रामकरन यादव ने कहा किजो शिक्षक विद्यालय नहीं जाते हैं उन्हें चिह्नित करने के लिए तीन टीमें गठित की जा रही हैं, जिसमें वह स्वयं भी होंगे। जो भी शिक्षक विद्यालय में मौजूद नहीं मिलेगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी। सभी शिक्षक समय से विद्यालय जाना सुनिश्चित करें।
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