विधानसभा चुनाव के चलते सत्र परिवर्तन को लेकर चल रही उठा पटक शांत हो गई है। बेसिक शिक्षा में नया सत्र पहली अप्रैल से ही शुरू होगा। चुनाव के चलते शैक्षिक कार्य में आए व्यवधान की भरपाई के लिए बीएसए ने सभी बीईओ को निर्देशित किया है कि वह शेष बचे समय में तेजी से पढ़ाई करवाएं। जो पाठ पढ़ाने से छूटे हैं वह पढ़ाए जाएं और इसके बाद पूरे पाठ्यक्रम को दोहराने का प्लान तैयार करवाया जाए।
विधानसभा चुनाव के चलते बीते कई माह से तमाम जरूरी काम भी प्रभावित होते रहे हैं। खासकर एक माह से शैक्षिक कार्य बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। गुरुजी के चुनावी कामों में व्यस्त हो जाने के चलते वह चाह कर भी बच्चों को नहीं पढ़ा पाए। चुनावी जरूरत को पूरा करने के लिए दिखाए जा रहे हौव्वा के आगे उन्होंने पढ़ाई लिखाई कराने से पहले सरकारी काम को पूरा करने में ही भला समझा। आए दिन मतदेय स्थलों का निरीक्षण, उनकी प्रगति रिपोर्ट तैयार करने में शिक्षक-शिक्षिकाएं व्यस्त रहे।
इधर सुगबुगाहट होने लगी थी कि मौजूदा माहौल के चलते शिक्षा सत्र दोबारा जुलाई माह से शुरू हो सकता है। कारण कि अप्रैल माह में परीक्षाएं और फिर उनका मूल्यांकन तथा नई कक्षाओं में प्रवेश प्रक्रिया खासी भारी पड़ रही है। सत्र परिवर्तन की संभावनाओं पर शासन ने फिलहाल विराम लगा दिया है।
बीएसए विनय कुमार सिंह ने कहाकि शासन से अगर को दिशा निर्देश आएगा तो उसका पालन हम सभी को करना है। फिलहाल उन्होंने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह अपने ब्लाक क्षेत्र में पढ़ाई लिखाई पर पूरा ध्यान लगाए। जो पाठ्यक्रम अधूरा रह गया है उसे पूरा कराया जाए। इसके साथ पढ़ाए गए पाठों का रिवीजन कराया जाए।
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