जिलाधिकारी राजीव रौतेला के खिलाफ कलेक्ट्रेट कर्मचारियों ने मोर्चा खोलते हुए डीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया। मंगलवार सुबह हुई इस घटना में कर्मचारियों के समर्थन में अन्य कर्मचारी संगठन भी आ गए। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जिलाधिकारी राजीव रौतेला का रवैया तानाशाही भरा है। आए दिन कर्मचारियों को प्रताड़ित और अपमानित करने का भी आरोप लगाया गया। कर्मचारियों ने जिलाधिकारी का ट्रांसफर करने की मांग करते हुए कहा कि इनके साथ चुनाव ड्यूटी नहीं करेंगे। उसके बाद प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई। जिलाधिकारी ने कर्मचारियों से वार्ता कर अपना पक्ष रखने का प्रयास भी किया, लेकिन कर्मचारियों ने सिरे से नकार दिया। देर शाम तक प्रेक्षक भी कर्मचारियों को मनाने का प्रयास करते रहे, लेकिन कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े रहे। धरने की अगुवाई कर रहे उत्तर प्रदेशीय मिनिस्ट्रीयल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जगदीश निगम ने कहा कि जिलाधिकारी राजीव रौतेला का व्यवहार कर्मचारियों से ठीक नहीं रहता है। हर वक्त बेइज्जत कर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।
जगदीश निगम के आह्वान पर जिले के अन्य कर्मचारी संगठनों समेत शिक्षा, चिकित्सा, विकास विभाग, कोषागार आदि संगठन के लोगों ने समर्थन देते हुए सभी कार्यालय बंद कर दिए और धरना स्थल पर पहुंच गए। इस दौरान जिलाधिकारी राजीव रौतेला और पुलिस अधीक्षक अशोक त्रिपाठी के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने अपना पक्ष रखकर कर्मचारियों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन धरने पर बैठे लोगों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए जिलाधिकारी की बात मानने से इन्कार कर दिया। नाकाम जिलाधिकारी लौट गए। उसके बाद प्रेक्षक अरूप कुमार शाहा, अभय कुमार सिंह भी कर्मचारियों को शांत करवाकर चुनावी प्रक्रिया चालू कराने पहुंचे, लेकिन कर्मचारी संगठन जिलाधिकारी को हटाने की मांग पर डटे रहे। कर्मचारियों व डीएम के बीच विवाद को निपटाने के लिए चित्रकूटधाम के मंडलायुक्त मुरली मनोहर लाल व डीआइजी ज्ञानेश्वर तिवारी भी पहुंचे। नाराज कर्मचारियों से वार्ता करने की इन अधिकारियों ने चर्चा का प्रयास किया किंतु असफल रहे। डीएम रौतेला से नाराज कर्मचारी केवल यही नारा लगा रहे थे कि ‘डीएम हटाओ,चुनाव कराओ।’
No comments:
Write comments