फर्जी बोर्ड का अंक पत्र व प्रमाण पत्र लगाकर बीटीसी में प्रवेश लेने वाले 21 प्रशिक्षुओं का नामांकन रद कर दिया गया। यह कार्रवाई डायट प्राचार्य ने की। 1वर्ष 2014 में 19 प्रशिक्षुओं ने बोर्ड आफ हायर सेकेंड्री एजुकेशन दिल्ली की संस्था का प्रमाण पत्र तथा अंक पत्र लगाकर कर बीटीसी के प्रशिक्षण के लिए प्रवेश लिया था। इसी प्रकार 2002 में भी दो लोगों ने इसी संस्था का अंकपत्र व प्रमाण पत्र लगाकर बीटीसी में प्रवेश प्राप्त कर लिया था। जब इसकी जानकारी डायट प्राचार्य नरेंद्र शर्मा को हुई तो उन्होंने सभी 21 बीटीसी प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण पर रोक लगा दी।
इसके बाद प्राचार्य ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद को पत्र लिखकर प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त अंकपत्र को निरस्त करने की मांग की है। डायट प्राचार्य की इस कार्रवाई से जनपद के अन्य बीटीसी कालेजों में खलबली मची है। इस संबंध में डायट प्राचार्य नरेंद्र शर्मा का कहना है कि गलत ढंग से प्रवेश लेने वाले 21 प्रशिक्षुओं का नामांकन रद कर दिया गया है तथा प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त अंकपत्र को निरस्त करने के लिए पत्र लिखा गया है ।
इतने विलंब से क्यों हुई जांच : 2014 तथा 2013 में फर्जी अंकपत्र व प्रमाण पत्र लगाकर बीटीसी में प्रवेश लेने वाले 21 प्रशिक्षुओं ने प्रवेश लेकर कई सेमेस्टर का प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया था। इस दौरान इन लोगों ने कुछ सेमेस्टर के अंकपत्र भी प्राप्त कर लिया था। इसकी जानकारी डायट के लोगों को कानों कान नहीं हो पाई। इतने बडे फर्जीवाड़े की जानकारी जैसे ही डायट प्राचार्य नरेंद्र शर्मा को लगी तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी का नामांकन रद कर दिया । डायट प्राचार्य नरेंद्र शर्मा का कहना है कि मामले को हाईकोर्ट में भी अवगत कराया जाएगा।
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