योगी सरकार ने अधिकारियों को सुबह नौ बजे से दफ्तर में बैठकर समस्याएं सुनने का फरमान जारी किया है। इसके विपरीत बीएसए दफ्तर में लिपिकों की मनमानी बदस्तूर जारी है। यहां एक ही दिन आठ बाबू अवकाश पर चले गए, जिससे शनिवार को छुट्टी जैसा नजारा था। अक्सर यही हाल रहता है।
अधिकारियों को दफ्तरों में बाबुओं की मनमानी पर लगाम नहीं लग रही है। बीएसए दफ्तर में बाबूराज कायम है, यहां आने वाले बाबुओं को ढूंढकर वापस हो जाते हैं। शनिवार को शंकर लाल, अखिलेश वर्मा, अनुराग सचान, अनिल गुप्ता, प्रेमचंद्र, रमाकांत श्रीवास्तव, ओमप्रकाश शुक्ल, रमेश चंद्र मिश्र दफ्तर से नदारद थे। इनके कमरों में ताला लटक रहा था। गर्मी व धूप में परेशान होकर आने वाले शिक्षक व अन्य लोग मायूस होकर लौट गए। हालांकि बीएसए दफ्तर में मौजूद रहीं लेकिन संबधित पटल का बाबू न होने से समस्या का निदान संभव नहीं हो सका। इससे लोगो को दोबारा चक्कर काटना मजबूरी है। वरिष्ठ लिपिक अनिल कुमार बाजपेई ने बताया कि लिपिक अनिल गुप्ता दुघर्टना में घायल हो गए हैं, जिससे वह अवकाश पर है। अन्य सात बाबू भी अवकाश पर हैं। बीएसए शाहीन ने बताया कि सिर्फ दो बाबुओं को अवकाश दिया गया है बाकी बिना अवकाश स्वीकृति के नदारद हैं। यह अनुशासनहीनता है, बिना अवकाश के नदारद रहने वाले बाबुओं को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया जाएगा
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