संवाद सहयोगी, हाथरस : मनमानी तैनाती पाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में तैनात शिक्षक व शिक्षिकाएं हर स्तर की सिफारिश लगाते हैं। ऐसे शिक्षकों को बच्चों की शिक्षा से भी ज्यादा मतलब नहीं होता है। विद्यालयों में पदों के सापेक्ष अधिक शिक्षकों की तैनाती कर दिए जाने पर अब वित्त एवं लेखाधिकारी ने आपत्ति लगा दी है। 21 शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी। 1विधान सभा चुनाव से पहले दिसंबर माह में जिले स्तर पर शिक्षकों के तबादले किए गए थे। जिसमें तमाम शिक्षक व शिक्षिकाएं ऐसे रहे,जिन्होंने अपनी पसंद के विद्यालय के लिए जनप्रतिनिधियों से सिफारिश लगाई। बीएसए की कमेटी ने शिक्षकों के तबादले कर दिए। लेकिन इस कार्य में मानकों की अनदेखी कर दी गई। 21 शिक्षकों को ऐसे विद्यालयों में भेज दिया गया,जहां पद कम हंै। ऐसे में पद के सापेक्ष अधिक शिक्षक विद्यालयों में तैनात कर दिए जाने पर जब वेतन की बारी आई तो वित्त एवं लेखाधिकारी ने आपत्ति लगा दी। अब 21 शिक्षकों के मार्च माह के वेतन पर रोक लगा दी गई है। वित्त एवं लेखाधिकारी शीलेन्द्र कुमार ने बीएसए रेखा सुमन को पत्र लिखा है। पदों के सापेक्ष जिन विद्यालयों में शिक्षकों को भेजा गया है, वहां से उन्हें हटाकर ऐसे विद्यालयों में भेजा जाए जहां पद के सापेक्ष कम शिक्षक तैनात हैं। शिक्षकों के वेतन पर रोक लग जाने से अब खलबली मच गई है।संवाद सहयोगी, हाथरस : मनमानी तैनाती पाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में तैनात शिक्षक व शिक्षिकाएं हर स्तर की सिफारिश लगाते हैं। ऐसे शिक्षकों को बच्चों की शिक्षा से भी ज्यादा मतलब नहीं होता है। विद्यालयों में पदों के सापेक्ष अधिक शिक्षकों की तैनाती कर दिए जाने पर अब वित्त एवं लेखाधिकारी ने आपत्ति लगा दी है। 21 शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी। 1विधान सभा चुनाव से पहले दिसंबर माह में जिले स्तर पर शिक्षकों के तबादले किए गए थे। जिसमें तमाम शिक्षक व शिक्षिकाएं ऐसे रहे,जिन्होंने अपनी पसंद के विद्यालय के लिए जनप्रतिनिधियों से सिफारिश लगाई। बीएसए की कमेटी ने शिक्षकों के तबादले कर दिए। लेकिन इस कार्य में मानकों की अनदेखी कर दी गई। 21 शिक्षकों को ऐसे विद्यालयों में भेज दिया गया,जहां पद कम हंै। ऐसे में पद के सापेक्ष अधिक शिक्षक विद्यालयों में तैनात कर दिए जाने पर जब वेतन की बारी आई तो वित्त एवं लेखाधिकारी ने आपत्ति लगा दी। अब 21 शिक्षकों के मार्च माह के वेतन पर रोक लगा दी गई है। वित्त एवं लेखाधिकारी शीलेन्द्र कुमार ने बीएसए रेखा सुमन को पत्र लिखा है। पदों के सापेक्ष जिन विद्यालयों में शिक्षकों को भेजा गया है, वहां से उन्हें हटाकर ऐसे विद्यालयों में भेजा जाए जहां पद के सापेक्ष कम शिक्षक तैनात हैं। शिक्षकों के वेतन पर रोक लग जाने से अब खलबली मच गई है।शेर सिंह उच्च प्राथमिक विद्यालय बरौस, मधुवेन्द्र सिंह शेखर, उच्च प्राथमिक विद्यालय ध्यानअनगदा, गजेन्द्र सिंह ,उच्च प्राथमिक विद्यालय धानौटी, पवन कुमार उच्च प्राथमिक विद्यालय अंधपुरा, नवल किशोर, उच्च प्राथमिक विद्यालय,अंधपुरा, विशाल कुमार, उच्च प्राथमिक विद्यालय रतनगढी, गरिमा सिंह, प्राथमिक विद्यालय ताजपुर, अलका पचौरी, प्राथमिक विद्यालय मैंडू, मांडवी देवी, उच्च प्राथमिक विद्यालय भदामई, सत्यप्रकाश सिंह, उच्च प्राथमिक विद्यालय जिरौली, वीरेन्द्र कुमार,उच्च प्राथमिक विद्यालय बिजलीघर, मेधा सिंह, उच्च प्राथमिक विद्यालय गोपालपुर भरतपुर, सत्यवीर सिंह, उच्च प्राथमिक विद्यालय फरौली, मोतीलाल, उच्च प्राथमिक विद्यालय जरौली, सुनील कुमार, उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला खंदा, घूरे सिंह, प्राथमिक विद्यालय खुटीपुरी जाटान, मनोरमा वर्मा, उच्च प्राथमिक विद्यालय बुधु, सनीता गौतम, उच्च प्राथमिक विद्यालय उदयभान, कामिनी भारद्वाज, उच्च प्राथमिक विद्यालय लहरा, प्रतिभा कुमारी, उच्च प्राथमिक विद्यालय लहरा शामिल हैं।पदों के सापेक्ष जिन विद्यालयों में शिक्षकों के तबादले किए गए हैं,ऐसे 21 शिक्षकों का वेतन रोकने की कार्रवाई की गई है। बीएसए को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है जहां अधिक पदों के सापेक्ष कम शिक्षक तैनात हैं। वहां तबादले शिक्षकों के किए जाए।1शीलेन्द्र कुमार, वित्त एवं लेखाधिकारी,बेसिक शिक्षा विभाग।
No comments:
Write comments