जागरण संवाददाता, बरेली: ों की मिल रही शिकायतों का बम आखिरकार फूट गया। एक ओर ये स्कूल मनमानी फीस, महंगा कोर्स व ड्रेस से अभिभावकों की जेब काटते हैं, दूसरी ओर शिक्षकों व कर्मचारियों को तय से कम वेतन देते हैं। ऐसे शिकायतें शासन तक पहुंचने के बाद शहर के 48 ों के प्रबंधकों को कलेक्ट्रेट तलब कर लिया गया। कहा गया कि 15 बिंदुओं से संबंधित दस्तावेजों के साथ गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। शाम चार बजे से होने वाली बैठक बुलाई संयुक्त शिक्षा निदेशक शिव प्रकाश द्विवेदी की तरफ से है, लेकिन एडीएम सिटी आलोक कुमार संचालकों से जवाब-तलब करेंगे। 1स्कूलों के लिए यह हैं नियम1ों में दस फीसद सीट अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के मेधावी बच्चों के लिए आरक्षित रखे जाएंगी। उनसे माध्यमिक व बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में निर्धारित फीस ही ली जाएगी। बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत गरीब बच्चों को कम फीस लेकर प्रवेश दिए जाएंगे। शिक्षकों और कर्मचारियों को राज्य सरकार के स्कूलों के लिए तय वेतनमान दिया जाएगा। इसके अलावा अवकाश, पेंशन, ग्रेच्युटी, जीपीएफ और अन्य अनुमन्य सुविधाओं का लाभ देंगे। अगर विद्यालय की आय क्षमता इतनी न हो तो न्यूनतम वेतनमान से कम किसी दशा में नहीं दिया जाएगा।
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