देवरिया : बिना मान्यता वाले विद्यालयों को नोटिस की तैयारी , पिछले साल भी नोटिस देकर खामोश हो गया था विभाग
जागरण संवाददाता, देवरिया: परिषदीय स्कूलों में बेहतर शिक्षा के नाम पर सरकार हर साल अरबों रुपये खर्च कर रही है, इन विद्यालय में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति भी की गई है। इसके बावजूद छात्रों का ध्यान आकर्षित करने में ये विद्यालय नाकाम साबित हो रहे हैं। वहीं जिले में बिना मान्यता संचालित हो रहे विद्यालयों की तरफ से मनमानी फीस वसूलने के बावजूद छात्रों का रूझान बढ़ा है। नया सत्र शुरू होते ही एक बार फिर महकमा नामांकन की प्रक्रिया की तैयारी में जुट गया है। वहीं मनमानी फीस वसूल रहे निजी स्कूल व बिना मान्यता संचालित विद्यालय भी दम-खम से जुटे हैं। इसको देखते हुए परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाना चुनौती है। पिछले वर्ष बेसिक शिक्षा विभाग ने बिना मान्यता विद्यालयों को नोटिस जारी करने के बाद खामोशी की चादर ओढ़ ली। इस बार भी नए सत्र में बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से नोटिस जारी करने की तैयारी है। फिलहाल मनमानी फीस वसूलने व बिना मान्यता संचालित विद्यालयों पर शिकंजा कसना चुनौती है। जिले में 738 पूर्व माध्यमिक विद्यालय व 1877 प्राथमिक विद्यालय हैं, इनमें करीब 10 हजार शिक्षक तैनात हैं। पिछले सत्र में प्राथमिक विद्यालयों में करीब एक लाख 70 हजार व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में 45355 छात्र पंजीकृत थे। इन विद्यालयों में शैक्षिक माहौल बेहतर करने के लिए प्रदेश सरकार ने कई कदम उठाए। बच्चों को एमडीएम, निश्शुल्क ड्रेस, किताबें आदि मुहैया भी कराई जा रही है। इसके बावजूद नतीजे बेहतर नहीं आ रहे हैं, वहीं जिले में सैकड़ों विद्यालय बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों में हाईस्कूल व इंटर पास भी शिक्षक का दायित्व निभा रहे हैं, फीस भी मनमानी रूप से वसूल रहे हैं। फिर भी स्कूलों में प्रवेश के लिए लंबी कतार लगी है। राज्य सरकार भी मनमानी फीस वसूलने वाले स्कूलों पर नकेल कसने की तैयारी में है। निर्धारित फीस से अधिक वसूलने पर के लिए जल्द ही विधेयक ला रही है। वहीं परिषदीय विद्यालयों की खराब हालत को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग तैयारी में जुट गया है। नए सत्र में छात्रों के नामांकन संख्या बढ़ाने के लिए सर्वशिक्षा अभियान के तहत जागरूकता रैली निकाली जाएगी। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीनानाथ साहनी ने बताया कि पिछले साल बिना मान्यता संचालित विद्यालयों को नोटिस दिया गया था। इस बार भी ऐसे विद्यालयों को नोटिस देने की तैयारी की जा रही है।
>>पिछले साल भी नोटिस देकर खामोश हो गया था विभाग
>>परिषदीय विद्यालयों में छात्रों की कमी को देखते हुए जागा महकमा
परिषदीय विद्यालयों में योग्य शिक्षक हैं। बच्चों को सरकार की तरफ से कई योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, फिर भी संख्या कम है। बिना मान्यता विद्यालयों में अयोग्य शिक्षक होने के बाद भी छात्र पढ़ने जा रहे हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। जल्द ही बिना मान्यता संचालित विद्यालयों के खिलाफ शिकंजा कसा जाएगा।
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