लखनऊ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा शिक्षा विभाग में नकल से लेकर नियुक्तियों तक में धन उगाही करने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा तय की गई रेट लिस्ट को जारी करने के बाद घमासान मच गया है। सोमवार को यूपी एजुकेशनल मिनिस्टियल आफीसर्स एसोसिएशन ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर आपात बैठक की और माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र को निशाने पर ले लिया। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि क्वींस एंग्लो संस्कृत इंटर कॉलेज के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त होने के बाद यह अपनी पेंशन पर लगी आपत्तियों को दूर करवाने के लिए अनुचित दबाव बना रहे हैं।
एसोसिएशन के जनपदीय अध्यक्ष ओम प्रकाश यादव का कहना है कि वर्ष 2010 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर रोक होने के बावजूद डॉ. मिश्र ने अपने स्कूल में तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती कर लिए। आरोप लगाया कि स्कूल में छात्र संख्या 60 से भी कम होने के बावजूद प्राचार्य रहते इन्होंने दबाव बनाकर राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए अपना नामांकन भेजा। ऐसे में जिस अधिकारी ने इनका नामांकन भेजा, क्या उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी?
उधर उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र ने फिर आरोप लगाया कि राजधानी में ही नकल का पूरा उद्योग 100 करोड़ का है। इसके अलावा यहां पर विभिन्न स्कूलों में फर्जी ढंग से नियुक्तियां हुईं। शिक्षा विभाग में कर्मचारी व अधिकारी बिना धन लिए कोई काम नहीं करते। ऐसे में मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाए।
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