अगले शैक्षिक सत्र से यूपी बोर्ड का पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की तर्ज पर होगा। यूपी बोर्ड से मान्यताप्राप्त स्कूलों में पढ़ाई के लिए भी एनसीईआरटी की किताबों का इस्तेमाल होगा। शासन स्तर पर इस बारे में सहमति बन जाने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग इस दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है।
एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को अपनाने के पीछे मकसद यह है कि प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रएं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सक्षम हो सकें। साथ ही, यदि किसी छात्र-छात्र को उसके अभिभावक के तबादले के कारण अन्य प्रदेश में पढ़ाई के लिए जाना पड़े तो उसका नुकसान न हो क्योंकि एनसीईआरटी पैटर्न पर चलने वाले सीबीएसई बोर्ड से मान्यताप्राप्त स्कूल दूसरे राज्यों में भी हैं। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने बताया कि एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को लागू करने का एक परिणाम यह होगा कि इंटरमीडिएट स्तर पर किसी एक विषय में दो की बजाय सिर्फ एक प्रश्नपत्र होगा। इससे परीक्षाएं जल्दी समाप्त होंगी। रिजल्ट भी जल्दी घोषित होगा।
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