कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में बजट की तंगी से व्यवस्था गड़बड़ा रही है। वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाने के बाद भी 20 फीसद अवशेष धनराशि राज्य परियोजना से नहीं आई। शिक्षकों का वेतन भी लटका है।जनपद में संचालित पांच कस्तूरबा विद्यालयों के लिए प्रथम किश्त में 50 व दूसरी किश्त में 30 फीसद धनराशि आई थी।
दोनों किश्तों को मिलाकर एक करोड़ 21 लाख रुपया आया। 25 लाख से अधिक बजट की दरकार है। मार्च माह का वेतन शिक्षकों व कर्मचारियों को नहीं मिला। अन्य भुगतान भी होने हैं। सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी राजीव मिश्र का कहना है कि राज्य परियोजना को मांग पत्र भेजा है।
दूध, दही व पनीर में हो रहा खेल, नोटिस: कस्तूरबा विद्यालयों में छात्रओं को दिए जा रहे दूध, दही, पनीर और मिठाई में खेल किया जा रहा है। टेंडर की शर्त के अनुसार सामान नहीं दिया जा रहा। दिलचस्प बात यह कि वार्डन व अन्य कर्मचारियों की भी मिलीभगत है। मानक के अनुसार खाद्य सामग्री न होने के बावजूद बिल प्रमाणित किए जा रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप चौधरी ने मामले में वार्डन, फुल टाइम टीचर व मुख्य रसोइया को नोटिस जारी किए हैं।
साफ-सफाई के निर्देश विद्यालयों में भी नई सरकार की धमक दिखेगी। बीएसए, लेखाधिकारी और जिला समन्वयक ने आदेश जारी कर कस्तूरबा विद्यालयों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिए जाने का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में नई सरकार का गठन हो चुका है। साफ-सफाई पर बहुत जोर दिया जाए। भोजन मेन्यू के अनुसार बढ़िया दिया जा
No comments:
Write comments