प्रदेश भर के माध्यमिक कालेजों में तबादले के नाम पर होने वाला ‘खेल’ खत्म हो गया है। अब कालेजों में सारे तबादले ऑनलाइन ही होंगे। सरकार की ओर से जारी निर्देश के बाद अफसरों ने उस पर अनुपालन शुरू कर दिया है। एनआइसी इस संबंध में जल्द ही साफ्टवेयर तैयार करेगा, ताकि आगे से आवेदन और आदेश इसी के जरिए होंगे।
सूबे का अशासकीय माध्यमिक विद्यालय हो या फिर राजकीय हाईस्कूल/इंटर कालेज वहां के शिक्षकों को तबादला कराने के लिए तरह-तरह के जतन करने पड़े हैं। शिक्षकों को स्कूल के प्रधानाचार्य से लेकर वरिष्ठ अफसर व कर्मचारियों तक को खुश करना और शिक्षा निदेशालय के साथ राजधानी तक की परिक्रमा करना सामान्य बात रही है। यह भी निर्देश रहा है कि अशासकीय कालेज के शिक्षक जिस विद्यालय में जाना चाहते हों वहां के प्रधानाचार्य और प्रबंधतंत्र की वह खुद सहमति लेकर आए। साथ ही राजकीय कालेज से दूसरे कालेज जाने के लिए सारे जुगाड़ करने पड़ते थे। कालेज स्तर से प्रक्रिया पूरी कराने के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) कार्यालय, शिक्षा निदेशालय और फिर शिविर कार्यालय के चाहने पर ही तबादला संभव हो पाता था। इसके लिए हर जगह अलग-अलग बैठकें होती रही हैं। उसमें नाम पर मुहर लगवा पाना भी आसान काम नहीं था। इतना ही नहीं विभागीय अफसरों ने रुतबे के हिसाब से जिले तक बांट लिए थे। मसलन, लखनऊ, इलाहाबाद, मेरठ आदि में तबादला या फिर समायोजन का अधिकार फलां साहब को रहा है, बाकी का प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय भेजता था, उस पर मुहर लगने पर ही तबादला संभव था।
इस मैराथन प्रक्रिया पर विराम लगने जा रहा है। इसके साथ ही शिक्षकों से आस लगाए तमाम खिड़कियों के भी बंद होने की बारी आ गई है। शिक्षा निदेशक माध्यमिक अमरनाथ वर्मा ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी डा. सौरभ गुप्ता से माध्यमिक कालेजों के शिक्षकों के तबादले के लिए साफ्टवेयर विकसित करने का अनुरोध किया गया है। माना जा रहा है कि यह इसी शैक्षिक सत्र से लागू की जाएगी।
अब शिक्षकों की शिकवा-शिकायतें भी इसी माध्यम से सुनी जाएंगी
No comments:
Write comments