निजी स्कूलों में कोर्स, ड्रेस बिक्री और फीस में मनमानी को लेकर अब नगर शिक्षा अधिकारी ने निजी स्कूलों के प्रबंधकों व प्रधानाध्यापकों को कार्रवाई की घुड़की दी है। प्रबंधकों व प्रधानाध्यापकों को पत्र लिखकर शासकीय पाठ्यक्रम की किताबें चलाने और कोर्स व ड्रेस की खरीद किसी एक दुकान से करने पर बाध्य न करने की हिदायत दी है।निजी स्कूलों का कोर्स और ड्रेस निर्धारित दुकानों से ही बेचा जाता है। इसके अलावा मनमाने तरीके से फीस में बढ़ोत्तरी की गई। इसको लेकर अप्रैल की शुरुआत में ही अभिभावकों ने विरोध किया। अफसरों को शिकायती पत्र दिए। कई बार धरना प्रदर्शन किया, लेकिन इनकी मनमानी पर कोई रोक नहीं लगी। अब जब अप्रैल महीना समाप्त होने को है और अभिभावकों ने मजबूरी में फीस जमा कर दी, कोर्स ड्रेस खरीद लिया तब नगर शिक्षा अधिकारी इस मुद्दे पर संजीदा हुए हैं। नगर शिक्षा अधिकारी शुक्रवार को सभी वित्तविहीन, मान्यता प्राप्त, बेसिक व सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों के प्रबंधकों को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि मान्यता को दरकिनार कर अपने-अपने कोर्स चलाए जा रहे हैं। कोर्स, ड्रेस आदि एक निर्धारित दुकान से खरीदने को बाध्य किया जाता है। इसकी पक्की रसीद तक नहीं दी जाती इससे सरकारी राजस्व को भी क्षति पहुंचाई जाती है। नियमों के विपरीत फीस लेने की शिकायतें भी आ रही हैं। निर्देश दिया है कि मान्यता नियमों के तहत शासकीय पाठ्यक्रम की किताबें चलाई जाएं। निर्धारित शिक्षण शुल्क से ज्यादा न लिया जाए। नहीं तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी
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