प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनता दरबार में लोगों के पास जा-जाकर उनकी समस्याएं सुन रहे हैं। जबकि जिले के अधिकारियों के पास फरियादी तो पहुंच रहे हैं लेकिन अफसर उनकी बात तक सुनने को तैयार नहीं। मंगलवार को ऐसा ही हुआ। एक फरियादी बीएसए दफ्तर में पहुंचा। आरोप है कि दो घंटे तक उसे बैठाए रखा। इसके बाद अफसर बिना मिले ही चले गए। पता चला तो फरियादी ने हंगामा काटा। पीड़ित ने इसकी शिकायत सीएम को भेजी है।
बीएसए चंदना राम इकबाल यादव अपने दफ्तर में बैठी थीं। दिन में रामेश्वर दयाल गंगवार अपनी शिकायत लेकर पहुंचे थे। उनका कहना है कि कार्यालय के बाहर खड़े परिचारक को आने की वजह बताई। कुछ देर बाद लौटकर उसने बताया कि मैडम व्यस्त हैं। कुछ देर में समस्या सुनेंगी। दो घंटे बीत गए। आरोप है कि अपने दफ्तर से बीएसए, विकास भवन चली गईं लेकिन उनकी समस्या नहीं सुनी। जब वकील को पता लगा तो उन्होंने हंगामा किया।
शोर सुनकर कार्यालय के अन्य कर्मचारी भी आ गए। आखिर में उसे समझाकर मामला शांत करवाया। उसके बाद वकील चले गए। उन्होंने सीएम को पूरा प्रकरण लिखकर भेजा है। जिसमें बताया है कि सरकार के निर्देशों के बाद भी अफसरों की कार्यशैली में बदलाव नहीं आया है। उन्होंने ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है। बीएसए चंदना राम इकबाल यादव ने कहा किवकील शिकायत लेकर आए थे लेकिन मुङो परिचारक ने बाद में बताया। जानकारी होती तो मैं उनकी बात सुनती। मैं विकास भवन चली गई थी
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