शिक्षकों के उत्पीड़न व भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर जब बेसिक शिक्षा के अपर निदेशक ने बीएसए को नोटिस भेजी तो वह वापस लौट आई। उसे लेकर शिक्षा निदेशक ने सख्त रुख अख्तियार किया है। बीएसए को फटकार लगाते हुए कहा गया कि पोस्टमैन की मिलिभगत से नोटिस को नहीं लिया गया। एक बार फिर से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
बीएसए के खिलाफ अधिवक्ता अर¨वद सिंह राठौर व राम मूरत यादव ने अपर शिक्षा निदेशक से शिकायत की थी। इस मामले में एक अगस्त, एक सितंबर, 10 सितंबर, एक नवंबर व 12 दिसंबर 2016 को शिकायती पत्र दिया गया। इसमें बीएसए पर शिक्षक उत्पीड़न, भ्रष्टाचार समेत कई आरोप लगाए गए। मामले में अपर शिक्षा निदेशक बेसिक विनय पांडेय ने 15 मार्च को डाक से बीएसए को स्पीष्टीकरण देने के लिए नोटिस भेजी लेकिन वह नोटिस वापस लौट गई। उसे लेने से इन्कार किया गया। इस पर अपर शिक्षा निदेशक मे दोबारा नोटिस भेजते हुए कहा कि पोस्टमैन की मिलीभगत से नोटिस को नहीं लिया गया। यदि अब स्पष्टीकरण न दिया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बीएसए के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण समिति ने पूर्व सपा सरकार के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को शिकायती पत्र दिया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि बीएसए द्वारा पूर्व के तैनाती जिले पीलीभीत, बहराइच व फैजाबाद में अनियमितता की गई। इसकी फाइल खोली जाए। देवरिया में नियुक्ति के समय उन पर महिला उत्पीड़न का आरोप लग चुका है। इस पर सीएम अखिलेश के सचिव पार्थसारथी शर्मा ने एक सिंतबर 2016 को जांच के निर्देश दिए थे।
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