रामपुर निज संवाददातापरिषदीय स्कूलों के बच्चे तरक्की करें भी कैसे? उनकी बुनियाद में ही दीमक लगी है। यानी शिक्षकों के प्रशिक्षण की ही बुनियाद कमजोर है। अंट्रेंड शिक्षकों को ही ट्रेनिंग देने पर लगा दिया गया गया है। ऐसे में जब शिक्षक ही योग्य नहीं हो सकेंगे तो बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता को बखूबी परखा जा सकता है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में शिक्षक तैयार किए जाते हैं। चयन के बाद यहीं उनका प्रशिक्षण होता है। उन्हें बच्चों को पढ़ाने के लायक बनाया जाता है। इसके लिए डायट में प्रवक्ताओं के 21 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 20 पद खाली हैं। एक ही प्रवक्ता हैं। ऐसे में 12 प्राइमरी शिक्षकों को अटैच कर लिया गया है। जो बाबुओं का काम भी कर रहे हैं और प्रवक्ताओं की जगह प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। यह सबकुछ नियम विरुद्ध हो रहा है। प्रवक्ता के लिए एमएड और अनुभव होना चाहिए। लेकिन अटैच शिक्षक न तो एमएड हैं और न ही अनुभवी हैं। ऐसे में प्रशिक्षण के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। इस तरह जो शिक्षक प्रशिक्षण पा रहे हैं, वे स्कूलों में भी खानापूर्ति करने में लगे हैं, जिससे बेसिक शिक्षा सुाधार की कवायद पूरी नहीं सकती। अटैचमेंट भी एक साल के लिए ही होता है। इसके बाद दो बार रिनुवल हो सकता है, लेकिन डायट में कई सालों से शिक्षक अटैच हैं, जिनका न तो रिनुवल किया गया और न ही अटैचमेंट की प्रक्रिया पूरी की गई। बीएसए तैनात कराएं मंत्री: रामपुर। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधि मंडल रविवार को निरीक्षण भवन में राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख से मिला और ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा है कि जिले में प्रभारी बीएसए हैं, जिसके कारण विभाग का काम प्रभावित हो रहा है। इसलिए जिले में बीएसए की तैनाती कराई जाए। इस दौरान संघ के जिलाध्यक्ष कैलाश बाबू, जिला मंत्री आनंद प्रकाश गुप्ता, संयोजक शकुंतला लोधी, महेन्द्र प्रताप, मुकेश कुमार, चिरंजीव गुड्डू थे।
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